लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ, 13 दिन में तय होगी 2000 किमी की दूरी
देहरादून। लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मध्य कमान ने शुक्रवार को देहरादून से एकीकृत हिमालय मोटरसाइकिल अभियान-II (I-HiMEx-II) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सचिव, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और रॉयल एनफील्ड के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
यह अभियान भारतीय सेना का एक सराहनीय प्रयास है, जो कारगिल युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उत्सव और युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। I-HiMEx-II के जरिए भारतीय सेना हिमालय की अद्भुत सुंदरता के साथ-साथ देशभक्ति की भावना को भी लोगों तक पहुंचा रही है।
ध्वजारोहण से पहले सेना कमांडर ने अभियान दल के सदस्यों से बातचीत की और टीम लीडर को आधिकारिक अभियान ध्वज सौंपा। प्रतिभागियों ने इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में हिस्सा लेने को लेकर उत्साह जताया।
13 दिन, 2000 किलोमीटर, 25 बाइक – वीरता का नया अध्याय
यह 13 दिवसीय अभियान 25 बाइकों के साथ गढ़वाल सेक्टर से होकर गुजरेगा और 2000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। यात्रा का रूट इस प्रकार है:
देहरादून – रुड़की – रायवाला – गौचर – जोशीमठ – रत्तना कोना – माना – नीति दर्रा – रिमखिम – कुर्कटुई – रुद्रप्रयाग – उत्तरकाशी – हर्षिल – थागला-I – हर्षिल – रायवाला – रुड़की।
यह रूट जहां एक ओर उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान की जीवंत गाथा भी बनता है।
स्कूलों, कॉलेजों और गांवों में संवाद
अभियान दल रास्ते में विभिन्न गाँवों, स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करेगा। वे ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन सिंदूर जैसी सैन्य उपलब्धियों से जुड़ी वीरता की कहानियों को साझा करेंगे और देशभक्ति से ओतप्रोत संवाद कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को भारतीय सेना में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
देशभक्ति और पर्यटन को मिल रहा प्रोत्साहन
यह अभियान केवल एक साहसिक यात्रा नहीं, बल्कि देशभक्ति और पर्यटन को प्रोत्साहन देने वाला अनूठा आयोजन है। इसे रॉयल एनफील्ड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सहयोग से प्रायोजित किया गया है।
यह आयोजन उत्तराखंड की धरती से न केवल शौर्यगाथा का संदेश देता है, बल्कि युवाओं में सेवा, समर्पण और राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना भी जागृत करता है।