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एशिया कप हॉकी 2025 : भारत ने सिंगापुर को 12-0 से हराकर सुपर-4 में बनाई जगह

Category Archives: खेल

एशिया कप हॉकी 2025 : भारत ने सिंगापुर को 12-0 से हराकर सुपर-4 में बनाई जगह

गोंगशु (चीन): गोंगशु कैनाल स्पोर्ट्स पार्क स्टेडियम में सोमवार को खेले गए महिला एशिया कप 2025 हॉकी टूर्नामेंट में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिंगापुर को 12-0 से मात दे दी हैं।  महिला टीम की इस बड़ी जीत के साथ ही भारतीय टीम ने सुपर-4 स्टेज के लिए क्वालीफाई कर लिया है।

मुमताज़ और नवनीत की हैट्रिक रही अहम

भारत की जीत में मुमताज़ खान और नवनीत कौर की हैट्रिक सबसे अहम रही। पहले क्वार्टर से ही भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया और मैच के दूसरे मिनट में मुमताज़ ने गोल कर खाता खोला। पहले क्वार्टर में ही भारत ने चार गोल दाग दिए। इसके बाद दूसरे क्वार्टर में तीन, तीसरे क्वार्टर में चार और अंतिम चरण में एक गोल कर भारत ने जीत को ऐतिहासिक बना दिया।

भारत ने जापान को छोड़ा पीछे

इस जीत के बाद भारत पूल-बी में गोल अंतर के आधार पर जापान को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान पर पहुंच गया। भारत ने टूर्नामेंट की शुरुआत थाईलैंड पर 11-0 की धमाकेदार जीत से की थी। दूसरे मैच में टीम का सामना जापान से हुआ, जहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला और मैच 2-2 की बराबरी पर खत्म हुआ। भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन से सुपर-4 में बेहतर नतीजों की उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं।


हॉकी एशिया कप 2025- भारत ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर ख़िताब किया अपने नाम

भारत ने आठ साल बाद जीता खिताब

पूरे टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल दागने वाली टीम बनी टीम इंडिया

राजगीर, बिहार। एशिया कप 2025 का खिताबी मुकाबला भारत और दक्षिण कोरिया के बीच खेला गया, जिसमें भारतीय हॉकी टीम ने 4-1 से शानदार जीत दर्ज कर खिताब अपने नाम किया। यह जीत भारत के लिए आठ साल बाद एशिया कप की ट्रॉफी लौटाने वाली है और यह टीम की चौथी खिताबी जीत है। पूरे टूर्नामेंट में भारत अजेय रहा और सर्वाधिक गोल दागने वाली टीम बनकर उभरा।

पूल चरण में भारत का दबदबा
भारत ने पूल चरण में लगातार तीन जीत दर्ज की। 29 अगस्त को चीन को 4-3 से हराने के बाद 31 अगस्त को जापान को 3-2 और 1 सितंबर को कजाकिस्तान पर 15-0 से जीत दर्ज की। इस प्रदर्शन ने टीम इंडिया को नॉकआउट चरण में प्रबल दावेदार बना दिया।

सुपर-4 और क्वालीफायर प्रदर्शन
सुपर-4 में भी भारत अजेय रहा। कोरिया के साथ 2-2 की बराबरी और मलयेशिया पर 4-1 तथा चीन पर 7-0 की जीत ने टीम की मजबूती को दिखाया।

खिताबी मुकाबले में दबदबा
फाइनल में भारत ने शुरुआत से ही आक्रामक खेल दिखाया। सुखजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह और अमित रोहिदास के गोल की मदद से भारत ने कोरिया को 4-1 से हराया। कोरिया का एकमात्र गोल मैच के अंतिम क्वार्टर में आया।

आक्रामक रणनीति और विश्व स्तर की तैयारी
पूरे टूर्नामेंट में भारत ने 39 गोल दागे और केवल 9 गोल खाए। कप्तान हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में टीम न केवल खिताब जीतने में सफल रही, बल्कि 2026 के विश्व कप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया।

भारत ने इससे पहले 2003, 2007 और 2017 में खिताब जीता था, और अब 2025 में कोरिया को हराकर अपनी शान कायम की है।


हॉकी एशिया कप 2025- भारत ने मलेशिया को 4-1 से हराकर सुपर-4 में शानदार जीत दर्ज की

मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने दिखाया जबरदस्त प्रदर्शन, सुपर-4 में मजबूत पकड़

राजगीर (बिहार)। हॉकी एशिया कप 2025 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने सुपर-4 चरण में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने अभियान को मजबूती दी है। बुधवार को भारत ने गत चैंपियन कोरिया के खिलाफ मुकाबला 2-2 से ड्रॉ खेला, जबकि मेजबान टीम ने मलयेशिया को 4-1 से हराकर जीत की पटरी पर वापसी की।

भारतीय टीम ने पहले क्वार्टर में मलयेशिया के शफीक हसन को गोल करने दिया, लेकिन दूसरे और तीसरे क्वार्टर में मनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, शैलेंद्र लाकड़ा और सागर विवेक प्रसाद के गोलों की बदौलत भारत ने 4-1 की निर्णायक बढ़त हासिल की। चौथे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गोल करने का प्रयास किया, लेकिन स्कोर में कोई बदलाव नहीं हुआ।

इससे पहले, सुपर-4 के अपने पहले मैच में भारत ने कोरिया के खिलाफ कड़ी टक्कर देते हुए अंतिम क्वार्टर में मनदीप सिंह के गोल से 2-2 की बराबरी हासिल की थी।

पूल चरण में भारतीय टीम अपराजेय रही। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में टीम ने चीन को 4-3, जापान को 3-2 और कजाखस्तान को 15-0 से हराकर सुपर-4 में अपनी जगह पक्की की थी।


भारत-सिंगापुर का निर्णायक मुकाबला 14 अक्टूबर को

गोवा के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होगा मुकाबला

नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम 14 अक्टूबर को सिंगापुर के खिलाफ एएफसी एशियाई कप क्वालिफायर का अहम मुकाबला खेलेगी। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने गुरुवार को घोषणा की कि यह मैच गोवा के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होगा।

एआईएफएफ के मुताबिक, यह ग्रुप-सी चरण का आखिरी मैच होगा, जिसकी तैयारियों को लेकर फुटबॉल प्रशंसकों में उत्साह है। दोनों टीमों के बीच पहला मुकाबला नौ अक्तूबर को सिंगापुर के नेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा। फिलहाल ग्रुप तालिका में सिंगापुर एक जीत और एक ड्रॉ के साथ शीर्ष पर है, जबकि भारत एक ड्रॉ और एक हार के साथ सबसे निचले पायदान पर है।

ग्रुप का विजेता सीधे 2027 में सऊदी अरब में होने वाले एएफसी एशियाई कप में प्रवेश पाएगा। ऐसे में भारत के लिए यह मुकाबला करो या मरो की तरह होगा।


भारत ने कजाकिस्तान को 15-0 से हराकर एशिया कप सुपर-चार में बनाई जगह

अभिषेक, सुखजीत और जुगराज की हैट्रिक के दम पर टीम ने पूल ए में शीर्ष स्थान सुनिश्चित किया

नई दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कजाखस्तान को 15-0 से मात देकर सुपर-चार में जगह बना ली है। इस जीत के साथ भारत ने न सिर्फ अपने पूल में शीर्ष स्थान सुनिश्चित किया बल्कि पूरे टूर्नामेंट में अपनी दमदार मौजूदगी भी दर्ज कराई। इससे पहले भारत चीन और जापान को हराकर लगातार जीत दर्ज कर चुका है।

शुरुआत से ही भारत का दबदबा
मैच की शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रामक खेल दिखाया और बढ़त बनाए रखी। टीम के लिए अभिषेक ने चार (5वें, 8वें, 20वें और 59वें मिनट) गोल दागे। वहीं, सुखजीत सिंह (15वें, 32वें, 38वें) और जुगराज सिंह (24वें, 31वें, 47वें) ने भी हैट्रिक पूरी की। कप्तान हरमनप्रीत सिंह (26वें), अमित रोहिदास (29वें), राजिंदर सिंह (32वें), संजय सिंह (54वें) और दिलप्रीत सिंह (55वें) ने भी स्कोरबोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराया।

पहले क्वार्टर में भारत ने तीन गोल दागे, जबकि दूसरे क्वार्टर में चार और जोड़कर मध्यांतर तक बढ़त 7-0 कर ली। अभिषेक ने इस दौरान अपनी हैट्रिक पूरी कर टीम की लय बनाए रखी।

विश्व कप क्वालिफिकेशन की ओर नजरें
भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में भी शानदार प्रदर्शन किया। इस जीत से भारत का आत्मविश्वास और भी मजबूत हुआ है। उल्लेखनीय है कि एशिया कप का विजेता अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए क्वालिफाई करेगा।


एशिया कप में सूर्यकुमार यादव की कप्तानी, धोनी को फिर से मेंटर बनने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर से होने जा रही है। भारतीय टीम का नेतृत्व सूर्यकुमार यादव करेंगे, जबकि उनके डिप्टी के रूप में शुभमन गिल खेलेंगे। माना जा रहा है कि टूर्नामेंट के लिए चुनी गई 15 सदस्यीय स्क्वॉड अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप में भी खेलेगी।

धोनी को मेंटर बनने का प्रस्ताव

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम का मेंटर बनने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें उनकी भागीदारी सीनियर, जूनियर और संभवतः महिला टीम में भी शामिल हो सकती है। हालांकि अभी तक इस पर किसी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इस पर कहा, “धोनी का अनुभव नए खिलाड़ियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। आज जो युवा खिलाड़ी उभर रहे हैं और भारतीय टीम के स्टार बन रहे हैं, वे उन्हें काफी सम्मान देते हैं। एमएस धोनी और गौतम गंभीर की जोड़ी भी देखने लायक होगी।”

बीसीसीआई का मानना है कि धोनी का मार्गदर्शन भारतीय क्रिकेट की अगली पीढ़ी को आकार देने में अहम भूमिका निभा सकता है।

धोनी की कप्तानी में खिताबों की भरमार

कैप्टन कूल के नाम से प्रसिद्ध धोनी भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने भारत को अपनी कप्तानी में:

  • 2007 टी20 विश्व कप

  • 2011 वनडे विश्व कप

  • 2013 चैंपियंस ट्रॉफी

और दो बार एशिया कप (2010, 2016) का खिताब दिलाया। धोनी ही ऐसे भारतीय कप्तान हैं, जिनकी कप्तानी में टीम ने तीन आईसीसी खिताब जीते।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास

धोनी ने भारत के लिए आखिरी मैच 2019 वनडे विश्व कप सेमीफाइनल में खेला। इसके बाद उन्होंने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

अब एशिया कप और आगामी टी20 विश्व कप में धोनी का मार्गदर्शन टीम के लिए फिर से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।


एशिया कप हॉकी 2025- भारत ने चीन को 4-3 से हराया

कप्तान हरमनप्रीत सिंह और जुगराज सिंह के गोलों ने मैच का निर्णायक पल तय किया

नई दिल्ली। एशिया कप हॉकी 2025 में भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की। मेजबान टीम ने रोमांचक मुकाबले में चीन को 4-3 से हराकर जीत के साथ टूर्नामेंट का आगाज़ किया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह और जुगराज सिंह के गोलों ने टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई, जबकि मैच में कुल सातों गोल पेनल्टी कॉर्नर से बने, जो मुकाबले को और रोमांचक बनाते हैं।

भारतीय टीम ने मैच की शुरुआत आक्रामक रणनीति और उत्कृष्ट फिटनेस के साथ की। कप्तान हरमनप्रीत सिंह चोट से उबरकर लौटे और निर्णायक क्षणों में गोल करके टीम की लाज बचाई। कोच क्रेग फुलटन की रणनीति का असर मैदान पर साफ दिखाई दिया।

हालांकि, मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन में तालमेल की कमी दिखी और कुछ मौकों पर डिफेंस कमजोर पड़ गया। अमित रोहिदास पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सके। युवा फॉरवर्ड्स ने जोश दिखाया, लेकिन गोल करने में चूक की। हार्दिक सिंह ने हमेशा की तरह टीम को मजबूती दी, जबकि गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक ने बचाव किए लेकिन उनके बॉडी लैंग्वेज में चिंता नजर आई।

मैच का निर्णायक पल आखिरी क्वार्टर में आया, जब हरमनप्रीत सिंह ने गोल दागकर भारत को जीत दिलाई। चीन ने अंतिम क्षण तक संघर्ष किया और भारतीय डिफेंस को दबाव में रखा। भारत का अगला मुकाबला जापान से होगा, जिसने अपने पहले मैच में कज़ाकिस्तान को 7-0 से हराया है।

मैच आंकड़े (भारत बनाम चीन):

भारत: पेनल्टी कॉर्नर: 12 | गोल (PC से): 4 | सर्किल एंट्री: 36

चीन: पेनल्टी कॉर्नर: 6 | गोल (PC से): 3 | सर्किल एंट्री: 13


हॉकी के जादूगर के रूप में हुए प्रसिद्ध, उनके जन्मदिन पर मनाया जाता हैं “राष्ट्रीय खेल दिवस”

भारत के खेल इतिहास में मेजर ध्यानचंद का नाम सुनते ही जादू और हॉकी एक साथ जुड़ जाते हैं। उन्हें भारतीय हॉकी का सबसे दिग्गज खिलाड़ी और विश्व के सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में गिना जाता है। आज ‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचंद की 120वीं जयंती है।

ड्यूटी के बाद घंटों अभ्यास ने रचा इतिहास

29 अगस्त 1905 को प्रयागराज (इलाहाबाद) में जन्मे ध्यानचंद ने बचपन से ही हॉकी में अपनी अलग पहचान बनानी शुरू कर दी थी। ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती होने के बाद भी उनका जुनून कम नहीं हुआ। ड्यूटी से लौटकर वो अक्सर चाँदनी रात में घंटों अभ्यास करते थे। यही कारण था कि दोस्तों ने उन्हें “चंद” कहना शुरू किया और आगे चलकर पूरा देश उन्हें ध्यानचंद के नाम से जानने लगा।

एम्स्टर्डम ओलंपिक में डेब्यू कर दागे 14 गोल

ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को लगातार तीन स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 1928 एम्स्टर्डम ओलंपिक में डेब्यू करते हुए उन्होंने 14 गोल दागे और परतंत्र भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। 1932 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में उन्होंने अपने भाई रूप सिंह के साथ मिलकर विपक्षियों के होश उड़ा दिए। वहीं 1936 बर्लिन ओलंपिक में जर्मनी को हराकर भारत ने तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

हॉकी करियर में दागे 500 से अधिक गोल

अपने करियर में ध्यानचंद ने 500 से अधिक गोल किए। उनकी हॉकी स्टिक पर गेंद ऐसे चिपकी रहती थी मानो उस पर कोई जादू हो। इसी कारण दुनिया भर में उन्हें “हॉकी का जादूगर” और “द मैजिशियन” कहा गया। यहां तक कि एडॉल्फ हिटलर ने भी उनके खेल से प्रभावित होकर उन्हें जर्मन सेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, जिसे ध्यानचंद ने ठुकरा दिया।

तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से किए गए सम्मानित

1956 में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें भारत सरकार ने देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया। उनके जन्मदिन 29 अगस्त को अब देश भर में राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका खेल, उनका जज़्बा और उनकी प्रेरणा हर खिलाड़ी और हर भारतीय के दिल में अमर है।


डायमंड लीग फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे नीरज चोपड़ा, जर्मनी के जूलियन वेबर ने जीता खिताब

तीसरे साल लगातार खिताब से चूके नीरज

नई दिल्ली। भारतीय स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा डायमंड लीग फाइनल में लगातार तीसरे साल खिताब नहीं जीत सके। उन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास 85.01 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.51 मीटर के शानदार थ्रो के साथ इस बार फाइनल का खिताब अपने नाम कर लिया।

नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन इस सीजन मिलाजुला रहा। डायमंड लीग के चार क्वालिफाइंग चरणों में से दो में भाग लेने के बावजूद, उन्होंने फाइनल के लिए क्वालिफाई किया। इस दौरान उन्होंने 90 मीटर का आंकड़ा भी पार किया, जिसमें मई में दोहा चरण में 90.23 मीटर का थ्रो शामिल था। जून में पेरिस चरण में 88.16 मीटर के थ्रो के साथ उन्होंने जीत दर्ज की।

फाइनल मुकाबले में नीरज की शुरुआत कठिन रही। पहले प्रयास में उन्होंने 84.35 मीटर का थ्रो किया और तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, जूलियन वेबर ने पहले ही प्रयास में 91.37 मीटर फेंककर अपने दबदबे की झलक दी। दूसरे प्रयास में नीरज ने 82 मीटर का थ्रो किया, जबकि वेबर ने लगातार दूसरी बार 91 मीटर से अधिक फेंककर शीर्ष पर बने रहे।

तीसरे, चौथे और पांचवें प्रयास में नीरज फाउल रहे, लेकिन उन्होंने अंतिम छठे प्रयास में तकनीक बदलकर 85.01 मीटर का थ्रो किया और दूसरे स्थान पर पहुँच गए। इस थ्रो ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोर्न वालकॉट को तीसरे स्थान पर धकेल दिया।

नीरज के प्रदर्शन से यह स्पष्ट हुआ कि वह लगातार शानदार थ्रो कर रहे हैं, लेकिन इस बार खिताबी जीत जर्मनी के जूलियन वेबर के हिस्से रही।


सिफत कौर सामरा का शानदार प्रदर्शन, व्यक्तिगत और टीम- दोनों में जीता स्वर्ण पदक

सिफत कौर ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में चीन की यांग यूजी को पछाड़ा

नई दिल्ली। भारत की युवा ओलंपियन निशानेबाज सिफत कौर सामरा ने एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया। सामरा ने न सिर्फ महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में व्यक्तिगत वर्ग का स्वर्ण पदक जीता, बल्कि टीम स्पर्धा में भी भारत को सोना दिलाया।

फाइनल में सिफत ने 459.2 अंक बनाकर चीन की यांग यूजी (458.8) को पीछे छोड़ा, जबकि जापान की नोबाता मिसाकी (448.2) को कांस्य पदक मिला। टीम इवेंट में सिफत, अंजुम मुद्गिल और आशी चौकसे की तिकड़ी ने 1753 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया।

सिफत क्वालीफिकेशन में भी दमदार प्रदर्शन करते हुए 589 अंक के साथ शीर्ष पर रहीं। आशी चौकसे ने 586 और अंजुम मुद्गिल ने 578 अंक बनाए। इस तरह भारतीय टीम ने जापान (1750 अंक) और दक्षिण कोरिया (1745 अंक) को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

हालांकि, फाइनल में पहुंची आशी 402.8 अंकों के साथ सातवें स्थान पर रहीं, जबकि अंजुम 41 प्रतिभागियों में 22वें स्थान पर रहीं। बावजूद इसके, सामरा के स्वर्णिम प्रदर्शन ने भारत की झोली में दो कीमती सोने डाले।


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