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शराब और धूम्रपान बढ़ा रहा महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा – डॉ. सौरभ

शराब और धूम्रपान बढ़ा रहा महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा – डॉ. सौरभ

शराब और धूम्रपान बढ़ा रहा महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा – डॉ. सौरभ

Breast Cancer Awareness Month October: हर साल अक्टूबर महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह मनाया जाता है ताकि तेजी से बढ़ रहे स्तन कैंसर के प्रति महिलाओं को जागरूक किया जा सके। इसके बावजूद भी स्तन कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं जो महिलाओं के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। ऐसे में स्तन कैंसर जागरूकता को लेकर उत्तराखंड राज्य में भी अभियान चलाए जा रहे है जिससे महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक किया जा सके। 

महिलाएं स्तन कैंसर के प्रति नहीं जागरूक 

स्तन कैंसर भारत देश ही नहीं दुनिया भर के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहीं है। जिसकी मुख्य वजह यही है कि आज भी महिलाएं इस बीमारी के प्रति जागरूक नहीं है। जिसके चलते हर साल हज़ारों महिलाओं की म्रत्यु हो रही है।

हर साल 50 हज़ार की वृद्धि होने की संभावना

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अगले 10 सालों में भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के आंकड़ों में हर साल 50 हज़ार की वृद्धि होने की संभावना है। महिलाओं में स्तन कैंसर की जनसंख्या के आधार पर बताया गया है जिसके तहत 25 से 49 साल की महिलाओं में घटना दर 32.8 फीसदी, 50 से 69 साल उम्र की महिलाओं में 27.9 फीसदी और 70 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में 23.4 फीसदी है।

ख़राब लाइफस्टाइल की भूमिका अहम 

मैक्स हॉस्पिटल के चिकत्सक डॉ सौरभ तिवारी ने बताया कि भारत देश में स्तन कैंसर के साथ ही अन्य कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में स्तन कैंसर के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी जाएगी जो लोगों के लिए एक गंभीर समस्या भी बन सकती हैं। मुख्य रूप से स्तन कैंसर होने में खराब लाइफस्टाइल की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्तन कैंसर होने के प्रमुख वजहों पर बताया कि मौजूदा समय में महिलाओं का शराब पीना और धूम्रपान करना भी स्तन कैंसर समेत अन्य कैंसर के लिए प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

वेस्टर्न कल्चर को तेजी से अपनाना भी एक कारण 

वेस्टर्न वर्ल्ड में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी ज्यादा देखे जा रहे हैं और वेस्टर्न कल्चर को तेजी से हम अपनाते जा रहे हैं। यही वजह है कि आने वाले समय में महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर की संख्या बढ़ाने की काफी ज्यादा संभावना है। साथ ही कहा कि पहले बुजुर्ग लोगों में कैंसर के मामले ज्यादा देखे जा रहे थे लेकिन अब यंग पेशेंट में भी कैंसर के मामले देखे जा रहे हैं। पहले 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले देखे जा रहे थे लेकिन वर्तमान समय में 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर आम बात हो गई है। इसके अलावा एक स्पेसिफिक उम्र की बात करें तो 30 से 40 साल उम्र की महिलाओं में सबसे ज्यादा स्तन कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं।

70 से 80 फीसदी गांठे नहीं होती कैंसर 

डॉ सौरभ तिवारी ने बताया कि स्तन में होने वाले 70 से 80 फ़ीसदी गांठे, बिनाइन होती हैं। इसका मतलब यह है कि स्तन में मौजूद वह गांठ कैंसर नहीं है बल्कि एक सामान्य गांठ है। इसके बाद फोर्थ स्टेज में स्तन में बनी गांठ का कैंसर दूसरी जगह भी फैल जाता है। हालांकि, आमतौर पर यह धारणा रहती है की फोर्थ स्टेज में कैंसर पहुंचने पर इलाज होना संभव नहीं है जबकि कैंसर के इलाज को लेकर तमाम तरह के रिसर्च किए गए हैं और वर्तमान समय में हर स्टेज में कैंसर का इलाज होना संभव है बस  जरुरत है जागरूकता की।


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