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मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक उत्तराखंड में लगेगा स्वास्थ्य का महाकुंभ

Category Archives: राष्ट्रीय

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक उत्तराखंड में लगेगा स्वास्थ्य का महाकुंभ

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने संभाली कमान, प्रदेशभर में स्वास्थ्य पखवाड़े की तैयारियों की समीक्षा 

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एंव स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के स्पष्ट निर्देशों पर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितम्बर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में “स्वास्थ्य पखवाड़ा” आयोजित करने की व्यापक तैयारियां तेज कर दी हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने राज्य सचिवालय में विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य आम जनता तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाना है। स्वास्थ्य पखवाड़े के दौरान प्रदेशभर में मेडिकल कॉलेजों, जिला व उप जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप केन्द्रों में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में मरीजों को जांच, परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही जगह-जगह वृहद रक्तदान शिविर भी आयोजित होंगे, जिनमें आम नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और छात्र-छात्राओं को भी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव ने दिए अहम निर्देश
बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एंव स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए लगातार ठोस प्रयास कर रही है। “स्वास्थ्य पखवाड़ा” इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराना है, बल्कि लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक करना और स्वैच्छिक भागीदारी को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य पखवाड़े को सफल बनाने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए और प्रत्येक स्तर पर उसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभियान का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि समाज का हर वर्ग इससे लाभान्वित हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि सांसदों, विधायकों, महापौरों, पार्षदों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी इस अभियान में सुनिश्चित की जाए।

प्रदेशभर में लगेंगे 4604 शिविर

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में कुल 4604 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। इनमें—
अल्मोड़ा – 522
बागेश्वर – 109
चमोली – 206
चम्पावत – 120
देहरादून – 425
हरिद्वार – 367
नैनीताल – 367
पिथौरागढ़ – 679
पौड़ी – 573
रुद्रप्रयाग – 239
टिहरी – 533
ऊधमसिंह नगर– 256
उत्तरकाशी – 208

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि इन शिविरों में गर्भवती महिलाओं, टीबी मरीजों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को भी विशेष परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी लोगों को दी जाएगी।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय

1. ब्लड डोनेशन कैंप –
राज्य के प्रत्येक स्वास्थ्य शिविर में वृहद रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों की फोटोग्राफी और रिपोर्ट शासन को अनिवार्य रूप से भेजी जाएगी, ताकि इसकी निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

2. मेडिकल कॉलेज स्तर पर आयोजन –
सभी मेडिकल कॉलेजों में विशेष रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में मेडिकल छात्रों और चिकित्सकों को भी सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा ताकि युवाओं में स्वैच्छिक रक्तदान की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके।

3. हेल्थ डेस्क की स्थापना –
प्रमुख चिकित्सा संस्थानों और जिला अस्पतालों में हेल्थ डेस्क स्थापित किए जाएंगे। यहां आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य पखवाड़े से संबंधित जानकारी, सरकारी योजनाओं की जानकारी और नि:शुल्क परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा।

4. एसओपी तैयार करना –
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शीघ्र ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जाएगी। इसके तहत सभी जिलों और इकाइयों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, ताकि अभियान के दौरान कोई भ्रम या अव्यवस्था न हो।

5. विशेषज्ञ शिविर –
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) स्तर तक विशेषज्ञ शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसमें हृदय रोग, मधुमेह, श्वसन संबंधी रोग, प्रसूति व स्त्री रोग, बाल रोग और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे।

6. अन्य विभागों से समन्वय –
अभियान को सफल बनाने के लिए अन्य विभागों को भी शामिल किया जाएगा। उनकी भूमिका और जिम्मेदारियां तय कर दी जाएंगी, ताकि एक समन्वित प्रयास के माध्यम से स्वास्थ्य पखवाड़े का प्रभाव और अधिक बढ़ सके।

7. फूड एवं ड्रग कंट्रोलर विभाग का सहयोग –
फूड सेफ्टी और ड्रग कंट्रोलर विभाग के सहयोग से दवाओं और अन्य आवश्यक सामग्रियों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

8. प्राइवेट मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज का सहयोग –
निजी मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा। उनके संसाधनों और मानव बल का उपयोग जनहित में किया जाएगा।

9. विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी –
मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को स्वास्थ्य शिविरों में ड्यूटी दी जाएगी। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों को भी विशेषज्ञ परामर्श और उपचार उपलब्ध हो सकेगा।

10. निक्षय मित्र पहल –
जनप्रतिनिधियों को “निक्षय मित्र” बनाने की पहल की जाएगी। इसके तहत वे न केवल शिविरों का हिस्सा बनेंगे, बल्कि लोगों को अधिक से अधिक संख्या में स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने में मदद करेंगे।

अंत में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एंव स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाएं दिन-ब-दिन मजबूत हो रही हैं। “स्वास्थ्य पखवाड़ा” प्रदेश की जनता के लिए न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का अवसर है, बल्कि एक जनजागरण अभियान भी साबित होगा, जो समाज को स्वस्थ उत्तराखंड की दिशा में आगे बढ़ाएगा। समीक्षा बैठक में मिशन निदेशक एनएचएम मनुज गोयल, उपसचिव जसबिन्दर कौर, डॉ जेएस चुफाल, डॉ अमित शुक्ला, डॉ कुलदीप मार्तोलिया, डॉ सौरभ सिंह सिंह मौजूद रहे।


लैंसडाउन पहुंचे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, अपनी कर्मभूमि को किया नमन

लैंसडाउन। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी आज लैंसडाउन पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी कर्मभूमि को नमन करते हुए लैंसडाउन की पावन धरा की मिट्टी माथे पर लगाई और मातृभूमि और कर्मभूमि के प्रति आभार प्रकट किया।
गौरतलब है कि 13 नवम्बर 1976 को गणेश जोशी ने एक राइफलमैन के रूप में यहीं से भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा का संकल्प लिया था। वर्षों बाद पुनः अपनी उसी भूमि पर पहुंचकर उन्होंने भावुक होकर कहा कि यह स्थान उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा है।
लैंसडाउन पहुंचने पर गढ़वाल राइफल रेजीमेंट सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) अमृतलाल, पौड़ी के मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत सहित सैन्य अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने स्वागत किया।

एस.जी.आर.आर. विश्वविद्यालय में 34 विषयों के लिए हुई पी.एच.डी प्रवेश परीक्षा

देश के विभिन्न राज्यों से आए छात्र-छात्राओं ने किया प्रतिभाग

लिखित परीक्षा एवम् गुणवत्ता युक्त शोध विश्वविद्यालय की प्राथमिकता

देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में सोमवार, 8 सितम्बर 2025 को पीएचडी प्रवेश परीक्षा का सफल आयोजन किया गया। प्रवेश परीक्षा का आयोजन 34 विषयों में किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से कुल 140 परीक्षार्थियों ने प्रतिभाग कर अपनी अकादमिक क्षमता का परिचय दिया। परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में गंभीर शैक्षणिक वातावरण देखने को मिला।

विश्वविद्यालय के माननीय प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि “गुणात्मक रिसर्च किसी भी विश्वविद्यालय की असली पहचान होती है। हमारी प्राथमिकता है कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में किए जाने वाले शोध कार्य न केवल अकादमिक स्तर पर बल्कि समाज और राष्ट्र के हित में भी उपयोगी सिद्ध हों। हमारी कोशिश है कि यह विश्वविद्यालय अपने शोध कार्यों के लिए देश और विदेश तक ख्याति प्राप्त करे।”

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डाॅ0) कुमुद सकलानी ने भी रिसर्च गतिविधियों को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “विश्वविद्यालय में उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि यहाँ ऐसे शोध हों जिनसे उत्तराखंड सहित पूरे देश और वैश्विक समाज को फायदा पहुँचे।”

रिसर्च डीन डाॅ0 अशोक सिंह भण्डारी ने बताया कि इस बार 140 प्रतिभागियों ने लिखित परीक्षा दी। लिखित परीक्षा (आर.ई.टी.) में सफल होने वाले अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया जाएगा और तत्पश्चात मेरिट लिस्ट के आधार पर ही अंतिम चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि केवल वही छात्र शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ें जिनमें गुणवत्ता, शोध क्षमता और अकादमिक प्रतिबद्धता हो।

परीक्षा के सफल संचालन में परीक्षा केन्द्र अधीक्षक डाॅ0 सोनिया गम्भीर, उप केन्द्र अधीक्षक डाॅ0 प्रदीप सेमवाल, डाॅ0 मोनिका बंगारी, डाॅ0 नवीन गौरव, डाॅ0 रेखा ध्यानी के साथ-साथ अनुभाग अधिकारी विरेन्द्र सिंह गुसांई, गणेश कोठारी, ज्योति नेगी और भारत जोशी का विशेष सहयोग रहा।


उत्तराखंड में 1 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरे- सीएम धामी

काशीपुर प्रबुद्धजन सम्मेलन में बोले सीएम धामी — “विकसित भारत@2047 के अग्रदूत हैं प्रबुद्ध नागरिक”

काशीपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्ध नागरिकों से संवाद स्थापित किया और राज्य सरकार की उपलब्धियों व विकास कार्यों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में चिकित्सक, इंजीनियर, शिक्षाविद, अधिवक्ता, उद्यमी, व्यापारी, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रबुद्धजन प्रधानमंत्री के “विकसित भारत@2047” के संकल्प को साकार करने वाले अग्रदूत हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति के साथ नई ऊंचाइयां छू रहा है। भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और स्टार्टअप, डिजिटल इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों से वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड भी निवेश और औद्योगिक विकास में अग्रणी बन रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए 3.56 लाख करोड़ के निवेश समझौतों में से लगभग 1 लाख करोड़ के प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके हैं। राज्य में नई औद्योगिक नीति, स्टार्टअप नीति और मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी से निवेशकों को बेहतर माहौल मिला है।

उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए “एक जनपद, दो उत्पाद”, “हाउस ऑफ हिमालयाज”, “स्टेट मिलेट मिशन” और नई पर्यटन नीति जैसी योजनाओं का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून और अवैध धर्मांतरण व लैंड जिहाद पर कार्रवाई को राज्यहित में ऐतिहासिक निर्णय बताया।


उत्तराखंड में ड्रग्स पर सख्ती, स्वास्थ्य विभाग ने गठित की क्विक रिएक्शन टीम

देहरादून। उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग और फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने मिलकर एक बड़ी पहल शुरू की है। राज्य में पहली बार क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य अवैध स्रोतों से आ रही दवाओं और नशे के कारोबार पर तुरंत कार्रवाई करना है।

क्या है टीम की खासियत

टीम की खासियत यह है कि जैसे ही किसी अवैध निर्माण इकाई या नशे से संबंधित गतिविधि की जानकारी विभाग को मिलती है, यह टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच करती है और आवश्यक कार्रवाई करती है। इसके अलावा, टीम संबंधित उद्योगों से संवाद भी करती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नशे का मूल स्रोत कहाँ है और इसे कैसे रोका जा सकता है।

जागरूकता अभियान भी चला रही टीम 

क्यूआरटी टीम  सिर्फ कार्रवाई तक ही सीमित नहीं है। यह टीम इंडस्ट्री एसोसिएशनों के साथ मिलकर लगातार जागरूकता अभियान भी चला रही है। फ़ार्मा उद्योग को बताया जा रहा है कि नकली और स्पूरियस कैटेगरी में आने वाली दवाओं को लेकर विभाग के पास सूचनाएं मिल रही हैं। ऐसे सेशंस से न केवल यूनिट्स की जिम्मेदारी बढ़ती है, बल्कि सूचना का आदान-प्रदान भी प्रभावी ढंग से हो पाता है।

 उद्योग के लोग समझे अपनी जिम्मेदारी 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि इस पहल से फ़ार्मा इंडस्ट्री में एक ओर जागरूकता फैलेगी तो दूसरी ओर अवैध गतिविधियों के खिलाफ डर भी पैदा होगा। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे, ताकि उद्योग से जुड़े लोग अपनी जिम्मेदारी को समझें और समाज को नशे से मुक्त बनाने में सहयोग करें।

अलग अलग सेक्टर में बटी क्यूआरटी टीम 

क्विक रिएक्शन टीम को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है। हर टीम का नेतृत्व वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टर कर रहे हैं और उनके साथ कनिष्ठ निरीक्षक भी शामिल हैं। इस प्रक्रिया से नए अधिकारियों को मौके पर जाकर कार्रवाई करने और तुरंत प्रतिक्रिया देने का अनुभव भी मिल रहा है।


जनता को त्वरित राहत और सुरक्षा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- सीएम धामी

बरसात के बाद पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था, पुनर्निर्माण कार्यों, पर्यटन एवं जनसुविधाओं से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में शासन, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता को त्वरित राहत, सुरक्षा और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने निर्देश दिए कि बरसात समाप्त होते ही पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्यों में तेजी लाई जाए तथा आपदा प्रभावितों को मानकानुसार त्वरित सहायता दी जाए।

उन्होंने कहा कि नदी-नालों के किनारे निर्माण पर रोक का सख्ती से पालन कराया जाए, उल्लंघन पर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। जिलाधिकारी अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें और डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि संदिग्ध व्यक्तियों, अनधिकृत आधार कार्ड और वोटर आईडी जारी करने वालों पर कठोर कार्रवाई हो। सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकिंग बढ़ाई जाए और गौवंश संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

चारधाम यात्रा के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के बाद यात्रा को सतर्कता के साथ सुचारु कराया जाए और यात्रियों को मौसम संबंधी सूचनाएं समय पर उपलब्ध हों। सेवा पखवाड़ा और स्वच्छता अभियान को लेकर उन्होंने जिलाधिकारियों को विशेष तैयारी करने के निर्देश दिए। प्रत्येक जिले में साप्ताहिक स्वच्छता अभियान चलाने और क्षतिग्रस्त सड़कों को गड्ढा मुक्त करने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 और एंटी करप्शन नंबर 1064 की कार्यवाही निरंतर जारी रखी जाए। साथ ही डिजास्टर वॉलंटियर, संकट मोचन दल और मॉक ड्रिल के जरिए आपदा प्रबंधन को मजबूत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जनता को सेवा के अधिकार के तहत प्रमाणपत्र उसी भाषा (हिंदी या अंग्रेजी) में दिए जाएं, जिसमें वे मांगते हैं। नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई करने को भी कहा।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जबकि कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत वर्चुअल माध्यम से जुड़े।


श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में धूमधाम से मनाया गया वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस

छात्र-छात्राओं ने पोस्टर, कविता और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से फिजियोथेरेपी का महत्व बताया

देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में सोमवार को वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पैरामैडिकल एंड एलाइड हेल्थ साइंसेज की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़कर भागीदारी की। इस वर्ष वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस की थीम हेल्थ एजिंग (स्वस्थ बुढ़ापा) रही। इसी कड़ी में पैरामैडिकल छात्र-छात्राओं ने पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से यह संदेश दिया कि नियमित फिजियोथेरेपी से स्वस्थ, सक्रिय और आत्मनिर्भर जीवन संभव है। पोस्टर प्रदर्शनी में दर्शकों को उम्र के हर पड़ाव पर फिट रहने के उपायों से अवगत कराया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में बीपीटी के शोहेब नेे प्रथम, बीपीटी की निधि ने द्वितीय और सान्या ने तृतीय पुरस्कार जीता। पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कार्यक्रम आयोजकों को आशीर्वाद एवम् शुभकामनाएं दीं।

सोमवार को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ऑडिटोरियम में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के को-ऑर्डिनेटर डॉ. आर.पी. सिंह, अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल मलिक, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ अजय पंडिता, डीन डॉ. कीर्ति सिंह और फिजियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ. शारदा शर्मा व डाॅ नीरज कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एमपीटी तृतीय वर्ष की छात्राओं ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। बीपीटी प्रथम वर्ष की छात्रा दिव्या ने कविता के माध्यम से फिजियोथेरेपी की महत्ता को हृदयस्पर्शी शब्दों में रखा। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने स्वस्थ बुढ़ापा विषय का मार्मिक चित्रण किया। फिजियोथेरेपी के छात्र-छात्राओं ने हिमाचली, गढ़वाली, पंजाबी व भोजपुरी गीतों से देश के विभिन्न राज्यों की कला एवम् संस्कृति की मनमोहक झलक पेश की। बाॅलीवुड गीतों पर छात्र-छात्राओं की मनमोहक प्रस्तुतियों ने युवा धड़कनों को और तेज कर दिया।

फिजियोथेरेपी विभाग ने केक काटकर दिवस को और खास बना दिया। विभागाध्यक्ष डॉ. शारदा शर्मा ने कहा कि “फिजियोथेरेपी केवल रोगों के इलाज का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने का विज्ञान है। बढ़ती उम्र में यह हमारी सबसे बड़ी संबल बन सकती है।” ज्ञात हो कि वल्र्ड फिजियोथेरेपी दिवस हर वर्ष 08 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन विश्व भर के फिजियोथेरेपिस्टों को एकजुट होकर लोगों में स्वास्थ्य-जागरूकता फैलाने और फिजियोथेरेपी की अहमियत बताने का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में डाॅ संदीप कुमार, डाॅ शमा परवीन, डाॅ तबस्सुम, डाॅ सुरभी, डाॅ रविन्द्र, डाॅ आकांक्षा, डाॅ अभिषेक, डाॅ सुशांत, डाॅ विशाल व डाॅ जयदेव का विशेष सहयोग रहा।


उत्तराखंड में केंद्र की टीम करेगी आपदा प्रभावित जिलों का दौरा, राहत राशि पर जल्द फैसला

देहरादून। उत्तराखंड में आपदाओं की वजह से भरी नुकसान हुआ हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से राज्य के कई जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। हालात का जायज़ा लेने और नुकसान का आकलन करने के लिए आज केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम देहरादून पहुंच चुकी है।

विशेष बैठक से हुई शुरुवात 

केंद्र की टीम ने सबसे पहले सचिवालय में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। इस बैठक में मानसून सीजन के दौरान हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा साझा किया गया।

किन जिलों में सबसे ज्यादा तबाही 

उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और नैनीताल जैसे पर्वतीय जिलों में इस बार भारी तबाही हुई है। पहाड़ों से मलबा गिरने और सड़कों के टूटने से आवाजाही बाधित हुई, वहीं कई घर, पुल और खेती की जमीनें भी बर्बाद हो गईं।

दो समूहों में होगा दौरा 

केंद्र की टीम अब दो समूहों में बंटकर प्रभावित जिलों का दौरा करेगी। स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर टीम जमीनी स्थिति का आकलन करेगी। प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र को भेजकर आपदा मद से आर्थिक मदद की मांग की है।

सभी प्रभावितों को मिलेगी मदद 

राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत, मुआवजा और सुरक्षित विस्थापन की व्यवस्था की जा रही है। सरकार का कहना है कि सभी पीड़ितो की हर संभव मदद की जाएगी।

केंद्र सरकार देगी राहत राशि

आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन होने के बाद केंद्र सरकार राहत राशि जारी करेगी। इससे न केवल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास कार्य तेज़ होंगे बल्कि सामान्य स्थिति बहाल करने में भी मदद मिलेगी।


उत्तराखंड आपदा: नुकसान का आकलन करने पहुँची केंद्र की उच्चस्तरीय टीम

देहरादून। उत्तराखंड में आपदाओं की वजह से भारी नुकसान हुआ है। लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से राज्य के कई जिले गंभीर रूप से प्रभावित हैं। हालात का जायज़ा लेने और नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम आज देहरादून पहुँची है।

विशेष बैठक से हुई शुरुवात 

केंद्र की टीम ने सबसे पहले सचिवालय में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। इस बैठक में मानसून सीजन के दौरान हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा साझा किया गया।

किन जिलों में सबसे ज्यादा तबाही 

उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और नैनीताल जैसे पर्वतीय जिलों में इस बार भारी तबाही हुई है। पहाड़ों से मलबा गिरने और सड़कों के टूटने से आवाजाही बाधित हुई, वहीं कई घर, पुल और खेती की जमीनें भी बर्बाद हो गईं।

दो समूहों में होगा दौरा 

केंद्र की टीम अब दो समूहों में बंटकर प्रभावित जिलों का दौरा करेगी। स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर टीम जमीनी स्थिति का आकलन करेगी। प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र को भेजकर आपदा मद से आर्थिक मदद की मांग की है।

सभी प्रभावितों को मिलेगी मदद 

राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत, मुआवजा और सुरक्षित विस्थापन की व्यवस्था की जा रही है। सरकार का कहना है कि सभी पीड़ितो की हर संभव मदद की जाएगी।

केंद्र सरकार देगी राहत राशि

आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन होने के बाद केंद्र सरकार राहत राशि जारी करेगी। इससे न केवल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास कार्य तेज़ होंगे बल्कि सामान्य स्थिति बहाल करने में भी मदद मिलेगी।


एसी की आउटडोर यूनिट में शॉर्ट सर्किट से घर में लगी आग, पति-पत्नी और बेटी की हुई मौत

 बेटे की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती

फरीदाबाद। फरीदाबाद की ग्रीनफील्ड कॉलोनी में एक बड़ा हादसा हो गया। मकान के बाहर लगे एसी की आउटडोर यूनिट में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, जो धीरे-धीरे पूरे फ्लैट में फैल गई। आग और धुएं के कारण घर में फंसे परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि बेटा गंभीर रूप से झुलस गया।

जानकारी के मुताबिक, मृतकों में सचिन कपूर, उनकी पत्नी रिंकू और बेटी सुजान शामिल हैं। वहीं बेटा आर्यन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। हादसे में परिवार का पालतू कुत्ता भी मारा गया।

बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद परिवार बचने के लिए नीचे उतरा, लेकिन सीढ़ियों में घना धुआं भर जाने के कारण वे दूसरी मंजिल पर ही फंस गए। दम घुटने से पति-पत्नी, बेटी और कुत्ते की मौत हो गई। इस घर की तीसरी मंजिल भी इन्हीं की थी, लेकिन वह खाली थी।


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