Drop Us An Email Any Enquiry Drop Us An Emailshailesh.lekhwar2000@gmail.com
Call Us For Consultation Call Us For Consultation +91 9818666272

भारत की ज्ञान-परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के आदर्श पर आधारित है- त्रिवेन्द्र रावत

भारत की ज्ञान-परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के आदर्श पर आधारित है- त्रिवेन्द्र रावत

भारत की ज्ञान-परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के आदर्श पर आधारित है- त्रिवेन्द्र रावत

वैश्विक शिक्षा पर डोईवाला में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए त्रिवेन्द्र सिंह रावत 

देहरादून। हरिद्वार सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत संसदीय क्षेत्र स्थित शहीद दुर्गामल्ल राजकीय पीजी कॉलेज, डोईवाला द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (International Conference) में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। सम्मेलन में विभिन्न देशों एवं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा वैश्विक शिक्षा, नवाचार और सतत विकास के विषयों पर विचार-विमर्श किया।

अपने संबोधन में सांसद रावत ने कहा कि भारत की ज्ञान-परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के आदर्श पर आधारित है। आज जब भारत ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प की ओर अग्रसर है, तब शिक्षा और अनुसंधान ही वह आधार हैं जो हमारे युवाओं को विश्व-नेतृत्व के लिए तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP-2020) भारत की सांस्कृतिक जड़ों और आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण का अद्भुत संगम है, जो ग्रामीण से वैश्विक स्तर तक ज्ञान का लोकतंत्रीकरण सुनिश्चित कर रही है।

सांसद रावत ने इस अवसर पर हिंदी और संस्कृत के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा हिंदी और संस्कृत के अधिकाधिक उपयोग को हर मंच पर प्रोत्साहित करना चाहिए। भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति और विचारों का संवाहक है। भारत तब ही विश्वगुरु बनेगा जब हम अपनी भाषायी जड़ों से आत्मविश्वासपूर्वक जुड़े रहेंगे।

उन्होंने शहीद दुर्गामल्ल जी की स्मृति को नमन करते हुए कहा कि उनके नाम पर स्थापित यह शिक्षण संस्थान केवल उच्च शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि देशभक्ति, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रेरक स्रोत है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक मंच युवाओं को न केवल अध्ययन का अवसर देते हैं, बल्कि ‘लोकल टू ग्लोबल’ दृष्टिकोण को सशक्त करते हैं — यही भविष्य के विकसित भारत की पहचान है।

कार्यक्रम में विधायक डोईवाला बृज भूषण गैरोला, प्रधानाचार्य प्रो. पी. डी. भट्ट, कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष प्रो. मनमोहन कृष्णा, प्रो. अमित ठाकुर, प्रो. एस. पी. सिंह (IIT रूड़की), विनोद श्रीवास्तव, प्रो. सी. वा. सिंह (बुंदेलखंड विश्वविद्यालय), डॉ. राकेश भटर, सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन, शिक्षाविद एवं विधार्थी उपस्थित रहे।


Latest News in hindi

Call Us On  Whatsapp