Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में डाटकाली मंदिर के पास बनाई गई नई सुरंग और आशारोड़ी की तरफ से डेढ़ किमी हिस्से में नई सड़क को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है। छह लेन में बनने वाली इस सड़क के एक हिस्से में इन दिनों ट्रैफिक गुजारा जा रहा है, जबकि दूसरे हिस्से में युद्धस्तर पर काम जारी है।
इन दिनों दून से दिल्ली जाने वाले वाहन नई सड़क और नई सुरंग से होकर गुजर रहे हैं। आशारोड़ी से डाटकाली टनल तक करीब साढ़े तीन किमी हिस्से में निर्माणाधीन delhi dehradun expressway छह लेन सड़क के एक हिस्से (तीन लेन) का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। डेढ़ किमी के दूसरे हिस्से में (तीन लेन) पुरानी सड़क पर काम शुरू कर दिया गया है।
इसलिए इस सड़क के ट्रैफिक को नई सड़क पर डायवर्ट किया गया है। एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि पहली लेन का काम तय समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा। delhi dehradun expressway दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के तहत गणेशपुर (यूपी) से आशारोड़ी (उत्तराखंड) के बीच 19.78 किमी हिस्से का काम तीन पैकेज में बांटा गया है। सबसे तेज काम पैकेज-तीन उत्तराखंड के हिस्से में किया जा रहा है।
देहरादून से गाजियाबाद तक एक्सप्रेस-वे छह लेन का रहेगा, इससे आगे यह मार्ग दिल्ली तक 12 लेन में रहेगा। वन्यजीवों की आवाजाही के लिए दो एलीफेंट अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जबकि तीन एनिमल अंडर पास भी बनाए जाएंगे। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के बनने से देहरादून से दिल्ली की दूरी 235 किमी से घटकर 210 किमी रह जाएगी।
देहरादून से दिल्ली की दूरी घटी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों की मानें तो पहली लेन का काम नियत समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के तहत गणेशपुर (यूपी) से आशारोड़ी (उत्तराखंड) के बीच 19.78 किमी हिस्से का काम तीन पैकेज में बांटा गया है। सबसे तेज काम पैकेज-तीन उत्तराखंड के हिस्से में करीब साढ़े किमी में किया जा रहा है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने बताया, छह लेन में बनने वाली इस सड़क के एक हिस्से में इन दिनों ट्रैफिक गुजारा जा रहा है, जबकि दूसरे हिस्से में युद्धस्तर पर काम जारी है। एक्सप्रेस-वे के बनने से देहरादून से दिल्ली की दूरी 235 किमी से घटकर 210 किमी रह जाएगी। देहरादून से गाजियाबाद तक एक्सप्रेस-वे छह लेन का रहेगा, इससे आगे यह मार्ग दिल्ली तक 12 लेन में रहेगा।
वन्यजीवों की आवाजाही का रख गया खास ख्याल
राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे इस हिस्से में वन्यजीवों की आवाजाही का भी खास ख्याल रखा गया है। यहां आशारोड़ी से डाटकाली टनल तक हाथियों की आवाजाही के लिए दो-दो सौ मीटर लंबाई और सात मीटर ऊंचाई के दो एलीफेंट अंडर पास बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा 40-40 मीटर के तीन एनिमल अंडर पास भी बनाए जा रहे हैं, ताकि छोटे जानवर भी जंगल के एक छोर से दूसरे छोर में आसानी से आवाजाही कर सकें