आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में थकान महसूस होना या कुछ बाल झड़ना अब आम बात लगती है। हममें से ज़्यादातर लोग इसे काम के बोझ, तनाव या नींद की कमी से जोड़कर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन अगर पर्याप्त आराम के बावजूद आप हर समय थके-थके रहते हैं, ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं और बाल सामान्य से कहीं ज़्यादा झड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ एक साधारण समस्या नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार थकान और बाल झड़ना थायराइड जैसी हार्मोनल समस्या की शुरुआती चेतावनी हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जब गले में मौजूद तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना पाती, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होने लगता है।
क्यों होते हैं थकान और बाल झड़ने के लक्षण?
थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर की ऊर्जा निर्माण और उपयोग की प्रक्रिया यानी मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है।
थायराइड दो तरह का होता है —
हाइपरथायरॉयडिज्म (Overactive Thyroid) – जब हार्मोन ज़रूरत से ज़्यादा बनते हैं।
हाइपोथायरॉयडिज्म (Underactive Thyroid) – जब हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते।
हाइपोथायरॉयडिज्म की स्थिति में शरीर की ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे लगातार थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस होती है। साथ ही, थायराइड हार्मोन बालों की जड़ों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। जब हार्मोन की कमी होती है, तो बालों की ग्रोथ साइकिल प्रभावित होती है, जिससे बाल रूखे, बेजान और झड़ने लगते हैं।
हाइपोथायरॉयडिज्म के अन्य शुरुआती लक्षण
थकान और बाल झड़ने के अलावा इसके और भी संकेत हो सकते हैं—
वजन में अचानक वृद्धि
ठंड अधिक लगना
त्वचा का रूखापन और बालों का टूटना
कब्ज की समस्या
मूड में बदलाव और एकाग्रता में कमी
किन लोगों को होता है अधिक खतरा?
थायराइड की समस्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम है, खासकर 30 वर्ष की उम्र के बाद।
यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही है, तो आनुवंशिक रूप से इसका जोखिम बढ़ जाता है।
इसके अलावा, ऑटोइम्यून बीमारियां, आयोडीन की कमी, और हार्मोनल बदलाव भी इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं।
क्या करें?
अगर आप लंबे समय से थकान, वजन बढ़ने या बाल झड़ने की समस्या झेल रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें।
TSH टेस्ट जैसे सामान्य ब्लड टेस्ट से थायराइड की पहचान आसानी से की जा सकती है।
समय पर जांच और उचित दवा से इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम भी थायराइड को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
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