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जयराम रमेश का चुनाव आयोग पर हमला, बिहार मतदाता सूची पर उठाए गंभीर सवाल

Category Archives: राजनीति

जयराम रमेश का चुनाव आयोग पर हमला, बिहार मतदाता सूची पर उठाए गंभीर सवाल

कांग्रेस का कहना है कि मतदाता सूची से कितने गैर-नागरिकों के नाम हटाए गए, इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई

नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर फिर से गंभीर आरोप लगाते हुए बिहार में मतदाता सूची से गैर-नागरिकों को हटाने की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है। पार्टी का कहना है कि आयोग इस बारे में खुलकर जानकारी देने में विफल रहा है कि कितने नाम हटाए गए और एसआईआर प्रक्रिया में समानता और निष्पक्षता की कमी है।

कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी नहीं रही। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया होता कि कितने गैर-नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, तो स्थिति और स्पष्ट होती।

जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट के हस्तक्षेप से मताधिकार से वंचित होने की आशंकाएं कम हुई हैं, लेकिन पूरी प्रक्रिया में सटीकता, समानता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अभी बाकी है। उन्होंने इस संबंध में प्रकाशित एक समाचार पत्र लेख की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें एसआईआर प्रक्रिया का विस्तृत विश्लेषण किया गया।

कांग्रेस का यह बयान चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए गए सवालों को और अधिक तेज़ करता है और बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा को लेकर राजनीतिक बहस को नया मोड़ देता है।


उद्धव ठाकरे दशहरा रैली रद्द करें और उसका खर्च मराठवाड़ा के बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाएं- केशव उपाध्ये

भाजपा का आरोप: सत्ता में रहते ठाकरे ने बाढ़ पर कार्रवाई नहीं की, अब रैली का खर्च राहत में लगाएं

मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए सोमवार को कहा कि वह इस साल की अपनी पारंपरिक दशहरा रैली रद्द करें और उसका खर्च मराठवाड़ा के बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाएं। उपाध्ये ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए ठाकरे ने बाढ़ और संकट के समय ठोस कदम नहीं उठाए और अब उन्हें अपनी गलती सुधारने का अवसर है।

महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र, जो सामान्यतः सूखे से जूझता है, इस बार बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है। सैकड़ों परिवारों ने अपना घर-बार और जीविका का साधन खो दिया है।

उपाध्ये ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मराठवाड़ा के पांच जिलों का दौरा कर प्रभावितों से संवेदना तो जताई, लेकिन अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। उन्हें अपनी परंपरागत दशहरा रैली रद्द कर, उस पर होने वाला व्यय राहत कार्यों में लगाना चाहिए, ताकि संवेदना व्यावहारिक मदद में बदल सके।

भाजपा नेता ने ठाकरे की रैली की थीम और दिशा पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि बाल ठाकरे के समय यह रैली विचारधारा और संगठन का केंद्र होती थी, जबकि अब यह केवल विरोधियों पर आरोप लगाने और पार्टी टूटने की कहानी दोहराने तक सीमित रह गई है। उन्होंने पूछा कि जब वही बातें ‘सामना’ अख़बार में रोज प्रकाशित होती हैं, तो लाखों रुपये खर्च कर रैली आयोजित करने का क्या औचित्य है।


लद्दाख हिंसा पर कांग्रेस का हमला, प्रमोद तिवारी बोले- दमन से नहीं वादों को निभाने से निकलेगा हल

लेह हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण, प्रशासन ने धारा 163 लगाई, पाबंदियों से आम लोग परेशान

लेह। लद्दाख में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए। तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादों को पूरा करने के बजाय हालात को और खराब कर दिया है। उनका कहना है कि गिरफ्तारियां और दमनकारी कदम किसी भी समस्या का समाधान नहीं हैं, बल्कि जनता से किए गए वादों को निभाना ही असली हल है।

कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि केंद्र ने राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर लद्दाख को भी समान अधिकार देने का वादा किया था। लेकिन इन वादों को पूरा करने के बजाय सरकार ने विरोध कर रहे लोगों को दबाने का रास्ता चुना। तिवारी ने कहा कि मणिपुर के हालात सरकार दो साल से नहीं संभाल पाई और अब लद्दाख में भी स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।

हिंसा और पाबंदियां
24 सितंबर को लेह में भड़की हिंसा के बाद प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है। इलाके में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती है और बिना अनुमति जुलूस, मार्च या रैली पर प्रतिबंध लगाया गया है।

स्थानीय लोगों की मुश्किलें
प्रतिबंधों के कारण आम जनता को दूध और खाद्यान्न जैसी ज़रूरी चीजें तक नहीं मिल पा रही हैं। लोग सुरक्षा घेरे में रहते हुए मुश्किल हालात में अपने रोज़मर्रा के काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं।

हिंसा की घटनाएं और गिरफ्तारियां
हिंसा के दौरान भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इसके दो दिन बाद पर्यावरणविद सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में एनएसए के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया।

वांगचुक की मांगें
सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। वे भूख हड़ताल पर भी थे, हालांकि हिंसा शुरू होने के बाद उन्होंने इसे खत्म कर दिया। छठी अनुसूची अभी असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में लागू है, जिसके तहत आदिवासी इलाकों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं।

कांग्रेस का रुख
तिवारी ने कहा कि लद्दाख भारत की संवेदनशील सीमा पर स्थित है और यहां आंतरिक अशांति से पड़ोसी देशों को फायदा मिल सकता है। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि दमन और गिरफ्तारियां शांति बहाल नहीं कर सकतीं। लद्दाख में समाधान केवल संवाद और भरोसे से ही निकलेगा।


CWC की बैठक में वही नेता शामिल हुए हैं जिन्होंने पहले बिहार और बिहार की जनता का अपमान किया- अमित मालवीय

कांग्रेस की CWC बैठक को भाजपा ने बताया चुनावी स्टंट

नई दिल्ली। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी बीच बुधवार को कांग्रेस की पहली बार हुई कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक ने सियासी गर्माहट बढ़ा दी है। भाजपा ने इस बैठक पर हमला बोलते हुए इसे महज चुनावी स्टंट बताया और कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए।

भाजपा का आरोप:
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह बैठक कांग्रेस की सोची-समझी चाल है, जिससे वह महागठबंधन में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। मालवीय ने इसे तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के सपने का अंत बताते हुए कहा कि कांग्रेस अब राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती।

महागठबंधन में संदेश:
मालवीय ने कहा कि इस बैठक में वही नेता शामिल हुए हैं जिन्होंने पहले बिहार और बिहार की जनता का अपमान किया। उनका कहना है कि महागठबंधन के भीतर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने पर अब सहमति नहीं बन रही।

कांग्रेस-राजद में बढ़ती दूरी:
भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी का बिहार में बढ़ता सक्रियता दिखाता है कि कांग्रेस अब खुद को एक मजबूत ताकत के रूप में पेश करना चाहती है और राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती। मालवीय ने कहा कि चुनाव से पहले ही दोनों दलों की राहें अलग हो सकती हैं।

भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया:
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस बिहार में अपनी जमीन खो चुकी है और उसके पास न नेता हैं न कार्यकर्ता। डॉ. बूरा नरसैया गौड़ ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप को सिर्फ बहाना बताया और भाजपा की जीत की उम्मीद जताई।

पटना बैठक पर रविशंकर प्रसाद का तंज:
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को बिहार की याद 85 साल बाद आई है। उनका कहना है कि यह बैठक सिर्फ राजनीतिक फायदा और आगामी चुनावों के लिए है, जनता की भलाई के लिए नहीं।


संजय राउत का भाजपा पर तीखा वार, संगठनात्मक चुनाव कराने में असमर्थता को बताया भाजपा की कमजोरी

भाजपा नेतृत्व की कार्यशैली और पारदर्शिता पर उठाए सवाल

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भाजपा पर संगठनात्मक चुनावों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। राउत ने तंज कसते हुए कहा कि जब भाजपा देश के सर्वोच्च संस्थानों—मुख्य न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति और चुनाव आयुक्त जैसे पदों पर बदलाव करने की ताकत रखती है, तो फिर अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से क्यों बच रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही और यही भाजपा की सबसे बड़ी कमजोरी है।

राउत ने कहा कि भाजपा नेतृत्व संगठनात्मक स्तर पर चुनाव कराने में असमर्थ दिखाई देता है। उनका व्यंग्यपूर्ण हमला भाजपा की कार्यशैली और पारदर्शिता पर सीधा वार माना जा रहा है।

मुंबई नगर निगम चुनाव और ठाकरे फैक्टर
आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर राउत ने संकेत दिए कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे पर बयान केवल अंतिम सहमति के बाद ही सामने आएगा। राउत का दावा है कि ठाकरे परिवार का प्रभाव महाराष्ट्र की राजनीति में आज भी अहम है और इसका असर चुनावी नतीजों में साफ दिखेगा।

मराठी अस्मिता पर जोर
राउत ने मराठी पहचान को भी चुनावी एजेंडे से जोड़ा। उन्होंने कहा कि “मराठी जनता बताएगी कि ठाकरे ब्रांड का असली अर्थ क्या है।” उनका इशारा इस ओर था कि स्थानीय अस्मिता एक बार फिर चुनाव में निर्णायक कारक साबित हो सकती है।

भाजपा पर सीधा निशाना
विशेषज्ञ मानते हैं कि राउत का यह बयान भाजपा पर दबाव बनाने और विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। शिवसेना (यूबीटी) पहले से ही भाजपा पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने और संस्थानों पर नियंत्रण जमाने के आरोप लगाती रही है। अब संगठनात्मक चुनाव का मुद्दा भी इस बहस में नया मोड़ लेकर आया है।

राउत के बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में मुंबई नगर निगम चुनाव और राज्य की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि “समय आने पर तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।” राजनीतिक गलियारों में इसे विपक्षी खेमे की नई रणनीति का संकेत माना जा रहा है।


जयराम रमेश का आरोप- निकोबार परियोजना को बताया जनजातीय अधिकारों और वन नीति के खिलाफ

भूपेंद्र यादव का जवाब: केवल 1.78% जंगल प्रभावित, परियोजना भारत की रणनीतिक मजबूती के लिए जरूरी

नई दिल्ली। ग्रेट निकोबार बुनियादी ढांचा परियोजना को लेकर केंद्र और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के आरोपों का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि इस परियोजना पर सवाल उठाना नकारात्मक राजनीति नहीं, बल्कि देश को संभावित पर्यावरणीय और मानवीय संकट के प्रति आगाह करने का प्रयास है।

जयराम रमेश ने कहा कि पर्यावरण मंत्री इस परियोजना से जुड़े बुनियादी सवालों का जवाब देने से लगातार बच रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लाखों पेड़ों की कटाई करके राष्ट्रीय वन नीति 1988 का उल्लंघन किया जा रहा है। रमेश ने स्पष्ट किया कि घने वर्षावनों के नुकसान की भरपाई दूरदराज राज्यों में वृक्षारोपण करके नहीं की जा सकती।

कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया कि परियोजना को मंजूरी देते समय जनजातीय परिषद और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की राय क्यों नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि इस योजना में जनजातीय समुदायों की चिंताओं को दरकिनार कर दिया गया है और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किए गए सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन को भी नज़रअंदाज़ किया गया है।

रमेश ने चेतावनी दी कि ग्रेट निकोबार द्वीप पर मौजूद लेदरबैक कछुए, मेगापोड पक्षी, खारे पानी के मगरमच्छ और कोरल रीफ जैसी दुर्लभ प्रजातियां इस परियोजना के कारण विलुप्ति के खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2004 की सुनामी में गंभीर रूप से प्रभावित यह क्षेत्र उच्च भूकंपीय संवेदनशीलता वाला है, ऐसे में परियोजना की स्थिरता पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

सोनिया गांधी ने भी इस 72,000 करोड़ की योजना को “योजनाबद्ध मूर्खता” बताते हुए कहा था कि यह निकोबारी जनजातियों के अस्तित्व और द्वीप के अनोखे पारिस्थितिक तंत्र को खतरे में डालती है।

वहीं, भूपेंद्र यादव का कहना है कि यह परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है और इसके तहत द्वीप के जंगलों का केवल 1.78 प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग में लिया जाएगा। यादव ने इसे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री और हवाई संपर्क क्षमता को मजबूत करने वाला कदम बताया।


राहुल गांधी का दावा- वोट चोरी का ‘हाइड्रोजन बम’ सबूत जल्द होगा सार्वजनिक

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना, सीईसी ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की रक्षा करने लगाया आरोप

वायनाड— कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने शनिवार को वायनाड में एक कार्यक्रम के दौरान चुनावी पारदर्शिता और मतदाता सूचियों से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर भरी बहस छेड़ी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसी “पुख्ता” सामग्री है जिसे उन्होंने उपहास में “हाइड्रोजन बम” कहा, जो पूरे मामले की सच्चाई बेनकाब कर देगी।

राहुल गांधी ने कहा, “हमारे पास स्पष्ट और ठोस प्रमाण हैं — मैं बिना सबूत के कुछ भी नहीं कहता। जो कुछ हुआ है, वह सामने आने वाला है।” उन्होंने बताया कि पार्टी ने पहले भी महादेवपुरा और आलंद से संबंधित मामलों में मतदाता सूचियों में किए गए बदलावों के काले-सफेद सबूत पेश किए हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे भी इसी तरह के प्रमाण सार्वजनिक किए जाएंगे।

चुनाव आयोग और सीईसी पर आरोप
राहुल ने चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव अधिकरी (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने “वोट चोरों” की रक्षा की है। उन्होंने विशेषकर कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से छह हज़ार मतदाताओं के नाम हटाए जाने का जिक्र किया और इसे चुनाव आयोग प्रमुख के खिलाफ एक गंभीर आरोप बताया। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में सीआईडी की जांच भी जारी है और सीआईडी ने वोट चोरी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नम्बरों की जानकारी मांगी है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई व्यक्तिगत बकवास नहीं है बल्कि तथ्यों पर आधारित मामला है, और जिन्होंने वोटों से छेड़छाड़ की उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

आलंद मामले और आयोग की प्रतिक्रिया
इस पर चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऑनलाइन किसी भी आम व्यक्ति द्वारा मतदाता नामों को हटाया नहीं जा सकता और आलंद में किसी भी मतदाता का अनुचित रूप से नाम हटाए जाने का मामला सत्यापित नहीं हुआ है। आयोग के बयान का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि संबंधित प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोपों की जांच की जाएगी।

व्यक्तिगत टिप्पणी व वायनाड का ज़िक्र
राहुल गांधी ने वायनाड के स्थानीय आयोजनों में भी भाग लिया और वहां के लोगों के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब उन पर हमला हुआ तो वायनाड के लोगों ने उनकी रक्षा की और उन्होंने स्थानीय समर्थकों के साथ अपने स्नेह व आभार का इज़हार किया। इसी कार्यक्रम में उन्होंने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की विनम्रता की भी प्रशंसा की और कहा कि कुछ राष्ट्रीय नेताओं में सत्ता मिलने पर अहंकार आ जाता है, जबकि ओमन चांडी विनम्र बने रहे।

आगे की कार्रवाई
राहुल गांधी की ओर से उठाए गए इन आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जहां कांग्रेस ने आगे साक्ष्य सार्वजनिक करने का एलान किया है, वहीं चुनाव आयोग ने पहले दिए गए अपने बयान को दोहराते हुए कहा है कि किसी भी अवैध कार्रवाई की जांच नियम के अनुसार की जाएगी। सीआईडी या अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई और पार्टी द्वारा दिए जाने वाले नए सबूतों के आधार पर मामले में और पहल की संभावना बनी हुई है।


अमित शाह का कांग्रेस पर तीखा हमला, कहा- कांग्रेस युवाओं के अधिकार छीनकर घुसपैठियों को सौंपना चाहती है

शाह ने वोटर अधिकार यात्रा को बताया ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’

सासाराम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सासाराम में आयोजित क्षेत्रीय बैठक में एनडीए सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सरकार की नीतियों और योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने का अभियान चलाएं। इस दौरान मंच पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा नेता विनोद तावड़े, राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा, राज्य मंत्री प्रेम कुमार, मंत्री संतोष कुमार सिंह और पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह भी मौजूद रहे।

अमित शाह ने राहुल गांधी की हाल की “वोटर अधिकार यात्रा” को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा विकास, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों के लिए नहीं, बल्कि “घुसपैठियों को बचाने” के लिए थी। शाह ने सवाल उठाया कि क्या बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को मुफ्त राशन, नौकरी, वोट का अधिकार और 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस युवाओं के अधिकार छीनकर घुसपैठियों को सौंपना चाहती है।

अपने संबोधन में गृहमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लालू यादव पूरी जिंदगी मुख्यमंत्री बने रहें, तब भी उतना काम नहीं कर पाएंगे जितना एनडीए सरकार ने कुछ वर्षों में कर दिखाया है। शाह ने लालू शासन को भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला और लैंड फॉर जॉब घोटाले का जिक्र किया और कहा कि इन घोटालों ने बिहार को विकास की राह से भटका दिया।


चुनाव आयोग उन लोगों को बचा रहा है, जो ‘वोट चोरी’ के जिम्मेदार हैं- राहुल गांधी

राहुल गांधी का बड़ा आरोप, कहा – सॉफ्टवेयर से हो रही है ‘वोट चोरी’

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि देश में सुनियोजित तरीके से मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं और यह काम किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर के जरिए किया जा रहा है। राहुल ने दावा किया कि यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है और चुनाव आयोग उन लोगों को बचा रहा है, जो ‘वोट चोरी’ के जिम्मेदार हैं।

राहुल गांधी ने कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 6,018 मतदाताओं के नाम फर्जी तरीके से हटाने की कोशिश की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब राज्य के बाहर से मोबाइल नंबरों और एक ऑटोमैटिक सॉफ्टवेयर के जरिए किया गया, जिसमें खासतौर पर कांग्रेस समर्थकों को निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा, “मैं कोई ऐसी बात नहीं कह रहा जो प्रमाणित न हो। यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीकृत ढंग से चलाई जा रही है। बूथ लेवल पर नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर तकनीक के जरिए मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं।”

राहुल गांधी का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े का असर सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लाखों वोटरों के नाम लिस्ट से गायब किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अगर सचमुच लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता है तो एक सप्ताह के भीतर मतदाता सूची से हटाए गए नामों का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करे।

राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि कांग्रेस बहुत जल्द ‘वोट चोरी’ पर बड़ा खुलासा करने वाली है, जिसे उन्होंने “हाइड्रोजन बम” करार दिया।


भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी- जेपी नड्डा

विशाखापट्टनम रैली में नड्डा ने गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां

विशाखापट्टनम। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 11 वर्षों में विकास और जवाबदेह शासन की राजनीति देखी है, जबकि पिछली सरकारें सिर्फ वादे करने और उन्हें भूल जाने तक ही सीमित रहीं।

जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा आज 14 करोड़ कार्यकर्ताओं के साथ दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। उन्होंने बताया कि भारत के 20 राज्यों में राजग और 13 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, लोकसभा में पार्टी के 240 सांसद और विधानसभाओं में लगभग 1,500 विधायक हैं।

उन्होंने कहा कि पहले की राजनीति परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण पर आधारित थी, जबकि भाजपा एक वैचारिक आधार पर खड़ी पार्टी है। नड्डा ने आंध्र प्रदेश के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने अमरावती राजधानी निर्माण के लिए 15,000 करोड़ रुपये की सहायता दी है।

राम मंदिर और सीएए का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्पों को निभाया है। उन्होंने याद दिलाया कि 1987 में पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का वादा किया था, जिसे 2024 तक पूरा कर दिया गया। इसी तरह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करके भी पार्टी ने अपने वचन को निभाया।


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