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सीएसपी संचालक से हथियार के बल पर 50 हजार रुपये की लूट, तीन नकाबपोश बदमाश फरार

Category Archives: क्राइम

सीएसपी संचालक से हथियार के बल पर 50 हजार रुपये की लूट, तीन नकाबपोश बदमाश फरार

आजमगढ़।  आज़मगढ़ जिले के मेहनाजपुर थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात एक साहसिक लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। कूबा पीजी कॉलेज के पास तीन नकाबपोश बाइक सवार बदमाशों ने ग्राहक सेवा केंद्र (CSP) संचालक से हथियार के बल पर 50,000 रुपये लूट लिए और मौके से फरार हो गए। वारदात के बाद पुलिस ने क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

बैंक केंद्र बंद कर लौट रहा था पीड़ित

पीड़ित शाह आलम, निवासी दरियापुर नवादा, पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र का संचालन करता है। सोमवार रात वह रोज़ की तरह काम समाप्त कर अपने घर लौट रहा था। जैसे ही वह कूबा पीजी कॉलेज के पास पहुंचा, घात लगाए बैठे तीन नकाबपोश युवकों ने उसे घेर लिया।

पिस्टल की नोक पर रुपये से भरा बैग छीना

शाह आलम ने भागने का प्रयास किया, लेकिन बदमाशों ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। पिस्टल दिखाकर डराया-धमकाया और फिर रुपयों से भरा बैग छीन लिया। आरोपियों ने हाथापाई के दौरान पीड़ित को थप्पड़ भी मारे और तेज़ी से फरार हो गए।

पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच जारी

घटना की सूचना मिलते ही मेहनाजपुर पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे इलाके की नाकाबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

सीसीटीवी से सुराग जुटाने की कोशिश

लालगंज क्षेत्राधिकारी भूपेश पांडेय ने बताया कि “घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी।”


जापानी नागरिक से रिश्वत लेने पर तीन पुलिसकर्मी निलंबित, वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन

गुरुग्राम- गुरुग्राम में जापान के एक नागरिक से ₹1000 की रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो पुलिसकर्मियों और एक होमगार्ड को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय उस वीडियो के वायरल होने के बाद लिया गया, जिसमें आरोपित कर्मी विदेशी पर्यटक से पैसे लेते नजर आ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर जताई नाराजगी

जापानी नागरिक डेडली कालेश ने सोमवार शाम लगभग 6:20 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा,“वाह! गुरुग्राम पुलिस ने एक जापानी पर्यटक से बिना रसीद ₹1000 की रिश्वत ली। इस तरह वे विदेश में भारत की छवि खराब करते हैं।”

वीडियो के तेजी से वायरल होने के बाद यह मामला पुलिस उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया।

तीनों कर्मी निलंबित, विभागीय जांच शुरू

पुलिस उपायुक्त (यातायात) डॉ. राजेश मोहन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए Z.O. ईएसआई करण सिंह, कांस्टेबल शुभम और होमगार्ड भूपेंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए। साथ ही विभागीय जांच भी प्रारंभ कर दी गई है।

डॉ. मोहन ने बयान में कहा,“गुरुग्राम पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”


फर्जी कंपनी बनाकर कारोबारी से करोड़ों की ठगी, 5 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

वाराणसी। वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र में एक स्क्रैप कारोबारी से फर्जी दस्तावेज और झूठे एग्रीमेंट के जरिए 1.44 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी और साजिश रचने के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ठगी की साजिश: फर्जी साइट और जाली एग्रीमेंट

शांतिनगर कॉलोनी, भरलाई निवासी मृदुल चौधरी ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि प्रतापगढ़ निवासी मोहम्मद शमीम, पंकज पांडेय, जितेंद्र सिंह उर्फ डिंपल, महफूज रहमान, और सुल्तानपुर निवासी मुजीबुर रहमान उर्फ जावेद ने 21 दिसंबर 2024 को सुनियोजित तरीके से एक मुलाकात कराई।

यह मुलाकात अरमान स्क्रैप ट्रेडर्स के प्रोप्राइटर जावेद से सुनील कुमार सिंह के मकान (शांतिनगर, भरलाई) पर कराई गई थी। आरोपियों ने खुद को स्क्रैप कारोबार से जुड़ा बताया और फर्जी कंपनियों की वेबसाइट दिखाकर विश्वास दिलाया। बाद में एक जाली एग्रीमेंट तैयार करवाकर धोखे से मृदुल की मां रेखा चौधरी के खाते से सात किश्तों में कुल ₹1,44,96,000 रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

धमकी देकर चुप कराने की कोशिश

पीड़ित के अनुसार, जब रुपये वापस मांगे गए तो आरोपियों ने फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी। लगातार धमकियों से परेशान होकर मृदुल चौधरी ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई।

पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच शुरू

शिवपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश कुशवाहा ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ  मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है और डिजिटल साक्ष्यों की भी पड़ताल की जा रही है।


नाबालिग बच्चे के साथ गंभीर दुर्व्यवहार, आरोपी किशोर हिरासत में

कानपुर- जालौन जिले के उरई अंतर्गत कुठौंद थाना क्षेत्र के एक गांव में सात वर्षीय बालक के साथ गंभीर आपराधिक दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। पीड़ित की स्थिति नाजुक बताई जा रही है और उसका इलाज अस्पताल में जारी है। पुलिस ने आरोपी किशोर को हिरासत में ले लिया है और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटना रात के समय की

पीड़ित के परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक, सोमवार की रात बालक घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान करीब 16 वर्षीय एक किशोर ने उसे पैसों का लालच देकर अपने साथ ले जाकर एकांत स्थान पर अपराध को अंजाम दिया। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई और वह लहूलुहान अवस्था में मिला।

परिजन पहुंचे अस्पताल, पुलिस ने दर्ज की FIR

परिजनों ने तत्काल बच्चे को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय ने बताया कि घटना की शिकायत मिलते ही धारा अनुसार मामला दर्ज किया गया है और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


कोंडागांव में निर्माणाधीन अस्पताल में मिला युवक का शव, पुलिस जांच में जुटी

जगदलपुर कोंडागांव जिले में बन रहे नए जिला अस्पताल की निर्माणाधीन इमारत में एक युवक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल, मौत की वजह को लेकर जांच जारी है।

इलाजरत युवक की रहस्यमयी मौत

पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान विक्रम महिलांगे (40 वर्ष), निवासी भट्टीपारा कुसमा के रूप में हुई है। विक्रम पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में उपचाररत था। सोमवार सुबह अस्पताल के निर्माण स्थल पर उसका शव देखा गया, जिसकी खबर मिलते ही पुलिस और परिजन मौके पर पहुंच गए।

आत्महत्या या साजिश?

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि युवक की मौत आत्महत्या थी या फिर इसमें कोई आपराधिक पहलू जुड़ा है। पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए विभिन्न पहलुओं से जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।


महिला की गला घोंटकर हत्या, पड़ोसी गिरफ्तार, परिजन बोले— रंजिश नहीं, मामला कुछ और है

झांसी- झांसी के मऊरानीपुर क्षेत्र के बरौरी गांव में रहने वाली ऊषा रायकवार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने पड़ोसी रफीक उर्फ पीर बक्श को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि रंजिश के चलते आरोपी ने घर में घुसकर गला घोंटकर हत्या की, जबकि परिजनों को यह कहानी अधूरी और संदिग्ध लग रही है।

हत्या की वजह बताई आपसी रंजिश

एसपी ग्रामीण डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि ऊषा गांव में अकेली रहती थी, जबकि उसका पति रामस्वरूप गुजरात में मजदूरी करता है। पुलिस के अनुसार, ऊषा और रफीक की पत्नी के बीच घरेलू मेल-जोल था। रफीक को शक था कि ऊषा उसकी पत्नी को उसके खिलाफ भड़का रही है, जिसके चलते उसकी पत्नी करीब आठ महीने पहले उसे छोड़कर मायके चली गई। इसके अलावा, ऊषा द्वारा रफीक की मां को घर बंटवाने की सलाह देने से वह और अधिक नाराज हो गया।

पुलिस का कहना है कि 30 अगस्त की रात, रफीक ने मौका पाकर ऊषा के घर में घुसकर लाल रंग के कपड़े से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, और फिर मौके से फरार हो गया। परिजनों की ओर से उस पर पहले ही शक जताया गया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में रफीक ने हत्या की बात कबूल की और उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया कपड़ा भी बरामद कर लिया गया।

सबूतों में भी कई सवाल

हत्या के बाद घटनास्थल की जांच में पुलिस को रफीक के कपड़ों पर महावर के निशान मिले। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ऊषा ने ही रफीक के लिए महावर घोली थी। छीना-झपटी के दौरान महावर गिर गई और उसके कपड़ों पर दाग लग गए। इसके अलावा, रफीक के चेहरे पर खरोंच के निशान भी पाए गए, जिससे पुलिस को संदेह और गहरा हुआ।

परिजनों को नहीं है पुलिस की कहानी पर भरोसा

हालांकि ऊषा के परिजनों ने पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल उठाए हैं। रामस्वरूप, जो हत्या के वक्त गुजरात में थे, ने बताया कि ऊषा और रफीक की पत्नी के बीच ज़्यादा मेलजोल नहीं था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रफीक अक्सर शराब पीकर ऊषा से अभद्रता करता था और ऊषा इस बारे में उन्हें बताती रहती थी।

रामस्वरूप ने कहा कि उनकी पत्नी ने पिछले साल बेटे की शादी के लिए जेवर और नकद पैसे घर पर ही रखे थे, जो अब गायब हैं। परिजनों का कहना है कि ऊषा के शरीर पर जो गहने थे, वे भी नहीं मिले हैं, लेकिन पुलिस ने इस दिशा में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। वहीं, पुलिस ने घर में चोरी की संभावना से इनकार किया है, जबकि परिजन इसे लूटपाट से जोड़कर देख रहे हैं।

मौत का मकसद अभी भी रहस्य

पुलिस का यह तर्क कि रफीक ने ऊषा को पत्नी के चले जाने का जिम्मेदार मानते हुए आठ महीने बाद हत्या की, कई लोगों के गले नहीं उतर रहा। ग्रामीणों और परिजनों का कहना है कि हत्या की टाइमिंग और तरीका संदेह पैदा करता है, और मामला सिर्फ आपसी रंजिश का नहीं लग रहा।


फरार सट्टा माफिया तन्नू ने कोर्ट में किया सरेंडर, हत्या और गैंगस्टर एक्ट समेत कई मामलों में है आरोपी

बरेली- बरेली के गंगापुर क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाला कुख्यात सट्टा संचालक जगमोहन उर्फ तन्नू सोमवार को गैंगस्टर कोर्ट में पेश हुआ और आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तन्नू पिछले तीन महीने से गैंगस्टर एक्ट के तहत वांछित चल रहा था।

तन्नू का नाम वर्ष 2023 में प्रेमनगर थाने के पास अजय वाल्मीकि हत्याकांड में भी सामने आया था। इस मामले में उसके साथ विनय, नितिन, राहुल और भगवान स्वरूप उर्फ लाले पर भी हत्या का आरोप है। 28 मई को इस गैंग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी, जिसकी जांच इज्जतनगर थाना पुलिस कर रही है।

गिरोह का सरगना विनय और उसके साथी नितिन व राहुल पहले से ही जेल में बंद हैं, जबकि भगवान स्वरूप ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है और फिलहाल शहर में खुलेआम घूम रहा है।

इतना ही नहीं, तन्नू और उसकी पत्नी रेनू पर जुआ अधिनियम के तहत भी केस दर्ज है। रेनू ने पहले ही इस मामले में सरेंडर कर जमानत ले ली थी, जबकि तन्नू फरार था। अब पुलिस उसकी कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी कर रही है, ताकि उससे पूछताछ कर और मामलों की परतें खोली जा सकें।

थाना प्रभारी बारादरी धनंजय पांडेय के अनुसार, आरोपी की अवैध संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।

तन्नू लंबे समय से सट्टा कारोबार में सक्रिय रहा है और अपराध की दुनिया में उसका लंबा रिकॉर्ड है। वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है, लेकिन हर बार छूटने के बाद फिर उसी अवैध धंधे में लग जाता है। पुलिस के मुताबिक, जब वह जेल में होता है, तब भी उसके परिवार और रिश्तेदार गंगापुर और श्यामगंज क्षेत्रों में किराए के मकानों से सट्टा संचालन करते रहते हैं।

सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि तन्नू पर हत्या, सट्टा, जालसाजी और धमकी जैसे गंभीर अपराधों के कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं।


गारमेंट शोरूम में फिर चोरी, चोरों ने उड़ाए 8 लाख रुपये, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात

आगरा- आगरा के बिजलीघर क्षेत्र में स्थित शिवाजी मार्केट में एक बार फिर चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। रविवार देर रात करीब ढाई बजे लवीना गारमेंट नामक कपड़ा दुकान का शटर तोड़कर चोर लाखों रुपये लेकर फरार हो गए। यह वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, हालांकि चोर कैमरे की केबल तोड़कर सबूत मिटाने की कोशिश भी करते नजर आए।

दुकान के मालिक शोभराज हिरवानी, जो शाहगंज की आनंदपुरम कॉलोनी के निवासी हैं, ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 6 बजे एक पड़ोसी ने उन्हें फोन कर सूचना दी कि दुकान का शटर टूटा हुआ है। जब वह मौके पर पहुंचे तो देखा कि गल्ले का ताला टूटा पड़ा है और उसमें रखे लगभग 7 से 8 लाख रुपये नगद गायब हैं।

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि चार चोर रात करीब 2:30 बजे दुकान के बाहर पहुंचे। उन्होंने सब्बल की मदद से शटर तोड़ा और अंदर घुसकर गल्ले से रुपये निकाले। वारदात के बाद वे तेजी से भाग निकले। चोरों ने जाते-जाते CCTV की वायर भी काट दी थी ताकि उनकी पहचान न हो सके।

रकाबगंज थाना पुलिस ने फुटेज के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि फुटेज की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की उम्मीद है।

गौरतलब है कि यह दुकान पहले भी चोरी का शिकार हो चुकी है। करीब 16 महीने पहले इसी शोरूम से चोरों ने कैश और सामान मिलाकर 60 लाख रुपये से अधिक की चोरी की थी। उस वक्त पुलिस ने दो दिन में केस सुलझाते हुए चोरों से 57 लाख रुपये बरामद कर लिए थे।

इस बार दोबारा हुई इस घटना से व्यापारियों में रोष है। खास तौर पर यह वारदात पास की पुलिस चौकी से महज़ कुछ दूरी पर हुई,


नेगी गेस्ट हाउस संचालक पर चौथी एफआईआर, महिला से 14.5 लाख की ठगी और धमकाने का आरोप

कानपुर- कानपुर के केशवपुरम इलाके में स्थित नेगी गेस्ट हाउस और नेगी इनक्लेव के संचालक गजेंद्र सिंह नेगी और उनके भाइयों पर एक और एफआईआर दर्ज हो गई है। रावतपुर थाने में दर्ज इस ताज़ा मामला एक महिला से धोखाधड़ी, वसूली और जान से मारने की धमकी से जुड़ा है।

बर्रा विश्व बैंक कॉलोनी के निवासी और ऑर्डनेंस फैक्ट्री से सेवानिवृत्त देवेंद्र सिंह की पत्नी मंजू लता सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने 19 अक्टूबर 2019 को नेगी इनक्लेव के ग्राउंड फ्लोर में एक दुकान खरीदी थी। यह सौदा गजेंद्र सिंह नेगी, सुमित सिंह नेगी और शिवचरण नेगी के साथ तय हुआ था, और इसके लिए उन्होंने करीब 14.50 लाख रुपये का भुगतान किया था। बावजूद इसके, उन्हें अब तक दुकान का कब्जा नहीं मिला।

मंजू लता के अनुसार, 27 जुलाई 2025 को वह अपने पति के साथ दुकान का कब्जा लेने पहुंचीं तो गजेंद्र सिंह नेगी ने उन्हें रिवॉल्वर दिखाकर धमकाया। आरोप है कि नेगी ने कहा, “जितने में दुकान ली है, उसका दोगुना पैसा और दो, साथ ही हर महीने 25 हजार की रंगदारी भरो, तभी कब्जा मिलेगा।”

डीसीपी पश्चिम दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, यह गजेंद्र सिंह नेगी और उनके भाइयों के खिलाफ दर्ज चौथी एफआईआर है। इससे पहले निवास होटल के संचालक योगेश सिंह, मसवानपुर निवासी प्रमिला पांडेय और आर्यनगर के कैटरर विनोद गुप्ता भी नेगी भाइयों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। पुलिस को अब तक उनके खिलाफ 10 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं।

मंजू लता ने बताया कि इस धमकी के बाद उनके पति मानसिक रूप से काफी टूट गए हैं और किसी कानूनी कार्रवाई से हिचकिचा रहे थे। लेकिन “ऑपरेशन महाकाल” अभियान के चलते उन्हें थोड़ा हौसला मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेगी बंधु एक संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं और लोगों की जमीन व संपत्तियों पर कब्जा करते हैं।

इस बीच, सोशल मीडिया पर एक पोस्टर भी वायरल हो रहा है, जो कथित तौर पर नेगी ग्रुप से जुड़ा बताया जा रहा है। पोस्टर में लिखा है:
“मिशन सबसे ऊपर 2024 – देश में मोदी जी, प्रदेश में योगी जी, और कानपुर में नेगी सर जी”। यह पोस्टर नेगी ग्रैंड होटल के आसपास देखा गया था।


पैसों के विवाद में प्रवासी मजदूर की हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार

चंडीगढ़-पंजाब- करीब डेढ़ महीने पहले पंजाब के ढिलवां गांव में धान की रोपाई के लिए आए प्रवासी मजदूरों के बीच पैसों को लेकर हुआ विवाद हत्या में बदल गया। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।

थाना प्रभारी शरीफ खान के अनुसार, यह मामला बिहार के पूर्णिया जिले से जुड़ा है। वहां से एक ज़ीरो एफआईआर दर्ज कर तपा थाना भेजी गई थी। एफआईआर में संगीता नाम की महिला ने शिकायत की कि उसका पति अक्षय कुमार उर्फ शंकर (उम्र 27), जो पूर्णिया के रौपाली क्षेत्र का निवासी था, मजदूरी के लिए पंजाब आया था। लेकिन काम खत्म होने के बाद जब वह घर नहीं लौटा, तो परिवार ने उसके साथ काम कर रहे अन्य मजदूरों से संपर्क किया। जवाब टालमटोल भरे थे, जिससे संदेह और बढ़ गया।

इसके बाद मृतक के परिजनों ने बिहार में पुलिस को सूचना दी। मामले की जांच जैसे ही शुरू हुई, अक्षय के साथ काम करने वाले कुछ मजदूर फरार हो गए। संदेह गहराने पर तपा पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई तेज की और दो प्रवासी मजदूरों को हिरासत में ले लिया।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि अक्षय ने अपनी मजदूरी की बकाया राशि में से पांच हजार रुपये मांगे थे ताकि वह अपनी किश्तें चुका सके। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई और गुस्से में आकर साथियों ने उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद शव को ढिलवां ड्रेन के पास एक गड्ढे में दफना दिया गया और आरोपी वापस अपने गांव लौट गए।

घटना की जानकारी मिलने पर फोरेंसिक और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस अब शव की तलाश और आरोपियों की विस्तृत पूछताछ में जुटी है। मृतक अपने पीछे पत्नी और तीन बेटियों को छोड़ गया है।


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