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ट्रंप की चेतावनी—हमास के पास प्रस्ताव मानने के लिए सिर्फ 3-4 दिन

ट्रंप की चेतावनी—हमास के पास प्रस्ताव मानने के लिए सिर्फ 3-4 दिन

ट्रंप की चेतावनी—हमास के पास प्रस्ताव मानने के लिए सिर्फ 3-4 दिन

इस्राइल ने किया अमेरिकी शांति पहल का समर्थन, हमास के रुख पर टिकी नजरें

वॉशिंगटन। अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर हमास ने तुरंत फैसला नहीं किया; उसने प्रस्ताव पर विचार करने और अन्य फलस्तीनी समूहों से परामर्श करने का ऐलान किया है। ट्रंप ने हमास को प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया के लिए “तीन-चार दिन” का समय दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश किए गए गाजा के लिए शांति प्रस्ताव पर हमास ने तत्काल निर्णय नहीं लिया है। हमास ने कहा है कि वह प्रस्ताव की समीक्षा करेगा और अन्य फलस्तीनी गुटों के साथ इस पर चर्चा करेगा। इस बीच इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस प्रस्ताव का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमास भी इसे स्वीकार करेगा या नहीं।

ट्रंप ने कहा है कि प्रस्ताव में हमास को प्रभावी रूप से हथियार डालने के बदले गाजा में युद्धविराम और मानवीय तथा पुनर्निर्माण सहायता का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमास के पास प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के लिए केवल “तीन-चार दिन” हैं और अगर वे सहमति नहीं देते तो परिणाम बहुत दुखद हो सकते हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि प्रस्ताव पर बातचीत की गुंजाइश सीमित है और यदि हमास असहमत रहता है तो वे इस्राइल का समर्थन करेंगे।

कतर और मिस्र के अधिकारियों ने यह प्रस्ताव हमास के वार्ताकारों के समक्ष रखा है और वे फिलहाल इसकी समीक्षा कर रहे हैं। इसी के साथ संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि वह गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तैयार है और सहायता वितरण संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों व रेड क्रिसेंट के जरिए किया जाएगा—बशर्ते सहायता को निष्पक्ष और बिना बाधा पहुंचाया जा सके।

धार्मिक नेताओं की भी अपीलें आई हैं: पोप लियो ने हमास से शांति प्रस्ताव स्वीकार करने, तुरंत युद्धविराम करने और बंधकों की रिहाई का आग्रह किया है। पोप ने इसे यथार्थवादी पहल बताया और उम्मीद जताई कि हमास निर्धारित समय में फैसला करेगा।

स्थिति फिलहाल संवेदनशील बनी हुई है — वक्तसीमाएँ, अंतरराष्ट्रीय दबाव और क्षेत्रीय मध्यस्थता मिलकर अगले कुछ दिनों में घटनाक्रम तय करेंगी। मानवीय सहायता, बंधकों की सुरक्षा और स्थानीय लोगों की सुरक्षा इस पूरे प्रस्ताव के सबसे अहम पहलू बने हुए हैं।


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