Kamal Hassan Congratulate Miss Trisha: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में इस साल एक बेहद खास और ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब चार साल की नन्ही त्रिशा थोसर ने मराठी फिल्म ‘नाल 2’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीत लिया। इस जीत के साथ ही त्रिशा ने दिग्गज अभिनेता कमल हासन का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्हें यह सम्मान छह साल की उम्र में मिला था।
कमल हासन ने दी त्रिशा को खास बधाई
कमल हासन ने अपने एक्स अकाउंट पर एक भावुक और गर्व से भरा संदेश शेयर किया। उन्होंने लिखा, “प्यारी त्रिशा थोसर, मेरी तरफ से खूब बधाई आपको। आपने मेरा रिकॉर्ड तोड़ दिया है, क्योंकि जब मुझे अपना पहला पुरस्कार मिला था, तब मैं छह साल का था। बहुत बढ़िया मैडम। अपनी बेमिसाल प्रतिभा पर काम करती रहिए। घर के बड़ों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।” इस पोस्ट के साथ कमल हासन ने यह जताया कि वह नन्ही अदाकारा की प्रतिभा से बेहद प्रभावित हैं और उन्होंने त्रिशा को प्रेरणा देने वाली हस्तियों में शामिल कर लिया है।
वीडियो कॉल पर बात करते दो कलाकार
राज कमल फिल्म्स के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक वीडियो भी साझा किया गया है, जिसमें कमल हासन, त्रिशा से वीडियो कॉल पर बात करते नजर आते हैं। बातचीत के दौरान कमल हासन ने त्रिशा से उनके आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में पूछा, जिस पर त्रिशा ने बड़ी मासूमियत से जवाब देते हुए उन्हें धन्यवाद कहा। कमल हासन ने कहा ‘यह एक खास प्रतिभा है’।
इतिहास रचने वाली त्रिशा थोसर
जहां कमल हासन ने छह साल की उम्र में पहला नेशनल अवॉर्ड जीतकर इतिहास रचा था, वहीं त्रिशा थोसर ने महज चार साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ‘नाल 2’ एक मराठी फिल्म है, जिसमें त्रिशा की शानदार अदाकारी ने दर्शकों और निर्णायक मंडल दोनों का दिल जीत लिया।
बचपन के रिश्तों की मार्मिक यात्रा ‘ नाल 2’
‘नाल 2’ निर्देशक सुधाकर रेड्डी यक्कंटी और निर्माता नागराज मंजुले की 2018 की फिल्म ‘नाल’ का सीक्वल है, जो ग्रामीण महाराष्ट्र की पृष्ठभूमि पर आधारित एक मार्मिक पारिवारिक कहानी है। यह फिल्म बचपन की मासूमियत, भाई-बहन के रिश्ते और परिवारिक भावनाओं को गहराई से छूती है। त्रिशा थोसर ने इसमें चिमी (रेवती) का किरदार निभाया है, जो अपने सहज अभिनय और भावनात्मक अभिव्यक्ति से दर्शकों का दिल जीत लेती है। उनकी अदाकारी ने न सिर्फ फिल्म को एक विशेष ऊंचाई दी, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई।
त्रिशा थोसर की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए बल्कि देश के लिए भी गर्व की बात है। इतनी कम उम्र में इतना बड़ा सम्मान पाना यह दर्शाता है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। भारतीय सिनेमा का भविष्य निश्चित ही उज्ज्वल है जब ऐसी बाल प्रतिभाएं सामने आ रही हैं।