हरिद्वार। ज्वालापुर क्षेत्र में वर्ष 2015 में हुए बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में जिला अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने दोषियों आशीष मेहता और अरुण को आजीवन कारावास के साथ-साथ कुल साढ़े पांच लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया।
विशेष लोक अभियोजक धर्मेश कुमार और जिला शासकीय अधिवक्ता इंद्रपाल बेदी के अनुसार, यह घटना 3 अक्तूबर 2015 की रात करीब साढ़े नौ बजे की है। शास्त्री नगर क्षेत्र में पुरानी रंजिश के चलते आरोपियों ने तीन युवकों पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें पंकज और कार्तिक की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी, जबकि रोहित उर्फ बंटी गंभीर रूप से घायल हो गया था।
पीड़ित पक्ष की ओर से मृतक पंकज के पिता नौरतू ने ज्वालापुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच के बाद पुलिस ने आशीष मेहता, अरुण और महेश मेहता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान आरोपी महेश मेहता की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी गई, जबकि एक अन्य नाबालिग आरोपी का मामला किशोर न्याय बोर्ड को सौंपा गया।
अदालत में सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की ओर से कुल 30 गवाहों को पेश किया गया। सभी साक्ष्यों और दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने आशीष मेहता निवासी शास्त्री नगर और अरुण निवासी अंबेडकर नगर को दोषी ठहराया।
अदालत ने दोनों दोषियों को हत्या के अपराध में उम्रकैद और 5.5 लाख रुपये जुर्माना, जानलेवा हमले के लिए 10 साल की कैद और ₹5,000 जुर्माना, तथा गाली-गलौज के आरोप में एक माह की सजा और ₹500 के जुर्माने की सजा सुनाई है।