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सरकारी शटडाउन हुए 34 दिन बीते, अमेरिका की हवाई सेवाएं चरमराईं

सरकारी शटडाउन हुए 34 दिन बीते, अमेरिका की हवाई सेवाएं चरमराईं

सरकारी शटडाउन हुए 34 दिन बीते, अमेरिका की हवाई सेवाएं चरमराईं

बिना वेतन काम कर रहे कर्मी, हवाई अड्डों पर बढ़ा संकट

वॉशिंगटन। अमेरिका में सरकारी शटडाउन हुए 34 दिन बीत चुके हैं और इसका असर अब देश की हवाई सेवाओं पर साफ दिखाई देने लगा है। एयर ट्रैफिक नियंत्रक और सुरक्षा जांच करने वाले कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं। कई कर्मचारी आर्थिक दबाव के कारण ड्यूटी पर नहीं आ रहे, जिससे तमाम बड़े हवाई अड्डों पर उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।

रिपोर्टों के अनुसार, नियंत्रक अतिरिक्त काम और दूसरी तरह की नौकरी करने को मजबूर हैं ताकि रोजमर्रा का खर्च चला सकें। इसका असर हवाई अड्डों की व्यवस्था पर दिख रहा है—सुरक्षा जांच में लंबी लाइनें, यात्री परेशान और सुरक्षा का भरोसा भी कम हो रहा है।

“हवाई तंत्र हर दिन थोड़ा और असुरक्षित होता जा रहा”

नेशनल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निक डेनियल्स ने कहा कि लगातार बिना वेतन के काम करने से कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बहुत बढ़ गया है। उनके मुताबिक जब दिमाग में किराया, बिल और घर के खर्च की चिंता रहती है, तो सौ प्रतिशत ध्यान दे पाना संभव नहीं है और यह स्थिति हवाई सुरक्षा को प्रभावित कर रही है।

परिवहन मंत्री की सफाई — उड़ानों में देरी सुरक्षा को बचाने के लिए

अमेरिका के परिवहन मंत्री सीन डफी का कहना है कि उड़ानों में देरी करना मजबूरी है, क्योंकि स्टाफ की कमी से जोखिम बढ़ गया है। उनका कहना है कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो पूरा वायुक्षेत्र अस्थायी रूप से बंद भी करना पड़ सकता है। लेकिन सुरक्षा से किसी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।

कई बड़े हवाई अड्डों पर व्यवस्था चरमराई

शिकागो, डेनवर, ह्यूस्टन और नेवार्क जैसे बड़े विमानतल पर देरी लगातार बढ़ रही है। ह्यूस्टन के हवाई अड्डे ने यात्रियों को सूचना दी है कि सुरक्षा जांच में तीन घंटे तक लग सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कई कर्मचारी अब मजबूरी में पहले अपने परिवार और जरूरतों को महत्व दे रहे हैं। कुछ नियंत्रकों ने तो कहा कि अगर वे ध्यान में कमी महसूस करते हैं, तो ड्यूटी पर न जाना ही बेहतर है ताकि हादसे का कोई जोखिम न बढ़े।

समस्या सुरक्षा से ज़्यादा भरोसे की हो गई है

यात्रा संगठनों का कहना है कि हवाई यात्रियों का भरोसा टूट रहा है, क्योंकि समय पर उड़ान और समय पर पहुंचने की उम्मीद खत्म होती जा रही है। यूनियन की ओर से फिर अपील की गई है कि सरकार को तुरंत खोला जाए। अब कर्मचारियों और यात्रियों के लिए इस स्थिति को और ज्यादा झेलना संभव नहीं है।


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