Drop Us An Email Any Enquiry Drop Us An Emailshailesh.lekhwar2000@gmail.com
Call Us For Consultation Call Us For Consultation +91 9818666272

“कुमाऊं द्वार महोत्सव” हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम- सीएम धामी

“कुमाऊं द्वार महोत्सव” हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम- सीएम धामी

“कुमाऊं द्वार महोत्सव” हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम- सीएम धामी

हल्द्वानी में पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव की धूम, लोक संस्कृति की झलक से महका मंच

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊँ द्वार महोत्सव केवल एक संस्कृति का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी अस्मिता, पहचान और जड़ों से जुड़ाव का प्रतीक है। हर वर्ष यहां प्रतिभाग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह महोत्सव हमारे कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करता है और उन्हें सम्मानित करने का कार्य भी करता है।

मुख्यमंत्री ने आयोजन की बधाई देते हुए लोक कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि तकनीकी और वैश्वीकरण के इस दौर में भी हमारी परंपराएं जीवित हैं और यह महोत्सव आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं के लोक कलाकारों ने अपनी निष्ठा और परिश्रम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहुंचाया है। वर्ष 2026 में प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखंड की ब्रह्मकमल टोपी पहनने के बाद यह टोपी अब राज्य की पहचान बन चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोक भाषा, संस्कृति और कलाकारों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। लोक कलाकारों की सूची तैयार की जा रही है ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके। कोरोना काल में लगभग 3200 सूचीबद्ध कलाकारों को ₹2000 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी गई थी। साथ ही, लोक कला को समर्पित कलाकारों को पेंशन और गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण और लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार जैसे सम्मानों के माध्यम से साहित्यकारों को भी सम्मानित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है। प्रधानमंत्री के इस कथन ने प्रदेशवासियों के भीतर ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन के अग्रदूत हमारी माताएं और बहनें बनेंगी।

मुख्यमंत्री ने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा कि “स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ” का मंत्र हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे ले जाएगा। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया और “लखपति दीदी योजना” के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया।

इस अवसर पर कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिमा अग्रवाल, एसएसपी पी.एस. मीणा, प्रभारी जिलाधिकारी अनामिका सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, लोक कलाकार और क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।


Latest News in hindi

Call Us On  Whatsapp