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भारी बारिश से पहाड़ों में भू-धंसाव का खतरा बढ़ा, कई घरों पर पड़ी दरारें

भारी बारिश से पहाड़ों में भू-धंसाव का खतरा बढ़ा, कई घरों पर पड़ी दरारें

भारी बारिश से पहाड़ों में भू-धंसाव का खतरा बढ़ा, कई घरों पर पड़ी दरारें

प्रदेश में 520 सड़कें बंद, 779 मशीनें तैनात, लोक निर्माण विभाग और बीआरओ तेजी से खोलने में जुटे

देहरादून। राज्य में लगातार जारी बारिश ने पहाड़ी जिलों में संकट गहरा दिया है। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल के कई गांवों में भू-धंसाव से घरों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं। खतरे के चलते कुछ लोगों ने रातोंरात अपने घर खाली कर दिए, वहीं प्रशासन ने भी कई इलाकों में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई प्रमुख सड़कें भी धंसने लगी है।

इसी बीच प्रदेश सरकार ने सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए 15 सितंबर से गड्ढा मुक्त अभियान शुरू करने की घोषणा की है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा के अनुसार, 31 अक्तूबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। विभाग ने योजना बना ली है, लेकिन लगातार हो रही बारिश बाधा बन रही है।

वर्तमान में प्रदेश की 520 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, 27 राज्य मार्ग, 17 मुख्य जिला मार्ग और 164 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। अकेले अल्मोड़ा जिले में 86 सड़कें ठप हैं, जबकि पौड़ी, टिहरी, चमोली और उत्तरकाशी जिले भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

बंद रास्तों को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग और बीआरओ ने 779 मशीनें तैनात की हैं। इसके बावजूद बारिश के बाद बार-बार सड़कें फिर से बंद हो रही हैं।

सिर्फ सड़कें ही नहीं, बल्कि 29 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरकाशी जिले में सबसे ज्यादा 10 पुल प्रभावित हुए हैं। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पुल भी शामिल हैं।


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