देहरादून। उत्तराखंड में आपदाओं की वजह से भरी नुकसान हुआ हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से राज्य के कई जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। हालात का जायज़ा लेने और नुकसान का आकलन करने के लिए आज केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम देहरादून पहुंच चुकी है।
विशेष बैठक से हुई शुरुवात
केंद्र की टीम ने सबसे पहले सचिवालय में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। इस बैठक में मानसून सीजन के दौरान हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा साझा किया गया।
किन जिलों में सबसे ज्यादा तबाही
उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और नैनीताल जैसे पर्वतीय जिलों में इस बार भारी तबाही हुई है। पहाड़ों से मलबा गिरने और सड़कों के टूटने से आवाजाही बाधित हुई, वहीं कई घर, पुल और खेती की जमीनें भी बर्बाद हो गईं।
दो समूहों में होगा दौरा
केंद्र की टीम अब दो समूहों में बंटकर प्रभावित जिलों का दौरा करेगी। स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर टीम जमीनी स्थिति का आकलन करेगी। प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र को भेजकर आपदा मद से आर्थिक मदद की मांग की है।
सभी प्रभावितों को मिलेगी मदद
राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत, मुआवजा और सुरक्षित विस्थापन की व्यवस्था की जा रही है। सरकार का कहना है कि सभी पीड़ितो की हर संभव मदद की जाएगी।
केंद्र सरकार देगी राहत राशि
आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन होने के बाद केंद्र सरकार राहत राशि जारी करेगी। इससे न केवल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास कार्य तेज़ होंगे बल्कि सामान्य स्थिति बहाल करने में भी मदद मिलेगी।