कई विदेशी हस्तियों ने किसान आंदोलन (farmer protest) पर टिप्पणी की है। इस बीच, दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ स्वीडन में रहने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के भड़काऊ ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में, देश की राजधानी दिल्ली में लगभग ढाई महीने से किसानों का आंदोलन (farmer protest) चल रहा है। कई विदेशी हस्तियों ने भी इस आंदोलन के बारे में टिप्पणी की है। इस बीच, दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ स्वीडन में रहने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के भड़काऊ ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है। ग्रेटा के खिलाफ धारा 153 ए, 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकती है।
दरअसल, ग्रेटा थेनबर्ग ने किसानों के समर्थन में अपने ट्वीट में भारत की सत्ताधारी पार्टी पर सवाल उठाया था। ग्रेटा ने एक ट्वीट में कहा था कि भारत सरकार पर दबाव कैसे डाला जा सकता है, इसके लिए उसने अपनी कार्य योजना से संबंधित एक दस्तावेज भी साझा किया, जो भारत विरोधी प्रचार अभियान का हिस्सा है। इसकी कड़ी निंदा की गई।
विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी
किसानों के मुद्दे पर विदेशी हस्तियों के हस्तक्षेप पर बुधवार को विदेश मंत्रालय द्वारा एक बयान जारी किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कुछ संगठन और लोग अपना एजेंडा थोपने के लिए ऐसा बयान जारी कर रहे हैं। किसी भी तरह की टिप्पणी करने से पहले तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करना महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में किसी भी सेलिब्रिटी द्वारा संवेदनशील ट्वीट या हैशटैग चलाना कोई जिम्मेदार कदम नहीं है।
एकता को प्रचार (propaganda) से नहीं तोड़ा जा सकता: शाह
विदेशी हस्तियों के बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी प्रचार देश की एकता को नहीं तोड़ सकता है। हम एकजुट होकर प्रगति की ओर बढ़ेंगे। कोई भी प्रचार भारत को ऊंचाइयों तक पहुंचने से नहीं रोक सकता। गृह मंत्री ने ये बातें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के ट्वीट पर लिखीं।
सचिन-विराट भी समर्थन में आए
पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी ताकतों को इससे दूर रहना चाहिए (Farmer Protest)। वहीं, विराट कोहली ने कहा कि असहमति के इस समय के दौरान हम सभी को एकजुट रहना चाहिए। किसान हमारे देश का अभिन्न अंग हैं। मुझे यकीन है कि सभी पक्षों के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान मिल जाएगा। सभी को इससे आगे बढ़ने दें।