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मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की

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मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की

1 करोड़ से कम लागत वाले प्रस्ताव जिला स्तर पर निस्तारित होंगे

देहरादून :- मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई विभाग द्वारा जल संरक्षण हेतु बनाये जा रहे चेक डैम की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) के अंतर्गत प्रदेश में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे चेक डैम प्रस्तावों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चेक डैम्स की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में चेक डैम की बनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से कम धनराशि वाले प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही निस्तारित किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल निगम एवं जल संस्थान को इसमें शामिल किया जाए। जल संस्थान एवं पेयजल निगम से भी पानी की कमी वाले स्थानों को चिह्नित कर उन स्थानों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने इसकी जॉइन्ट रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन प्रस्तावों की डीपीआर तैयार हो गयी है उनके शासनादेश शीघ्र जारी किए जाएं। प्रत्येक प्रस्ताव के लिए ईसी, एफसी, टीएसी एवं ईएफसी आदि संस्तुतियों के लिए समयसीमा निर्धारित करते हुए कैलेण्डर भी तैयार किया जाए एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराए जाएं।

सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न जनपदों में बैराज एवं चैक डैम बनाए जाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में जलाशयों का निर्माण कार्य गतिमान है। कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश में प्रथम वरीयता के कुल 111 स्रोतों को प्राथमिकता पर लिया गया, जिनमें से 105 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 06 स्रोतों पर कार्य गतिमान है। वर्ष 2025-26 के लिए 124 कार्य प्रस्तावित हैं, जिनकी डीपीआर तैयार करने के साथ ही प्राक्कलन गठन की कार्यवाही गतिमान है।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण श्रीमती नीना ग्रेवाल, सिंचाई विभाग से जयपाल सिंह एवं लघु सिंचाई से बृजेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज

आदि कैलाश यात्रा के लिए जारी हुए 3256 इनरलाईन परमिट

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चारधाम यात्रा सुव्यवस्थित एवं सुचारू रूप से चल रही है। देश-विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों में भी पर्यटकों की संख्या लगातार वृद्धि हो रही है।

महाराज ने बताया कि भारत-पाक संघर्ष विराम के बाद अब हालात सामान्य होने पर एक बार पुनः चारधाम यात्रा को लेकर श्रृद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है। सीजफायर के बाद अब एक फिर से चारधाम यात्रा को लेकर लोगों ने अपनी बुकिंग करवानी शुरू कर दी है। बुकिंग शुरू होने से टूर एवं ट्रेवेल्स इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को भी राहत मिली है। प्रयागराज से हरिद्वार, ऋषिकेश एवं देहरादून जाने वाली ट्रेनों में भी प्रतीक्षा सूची बढ़ गई है।

30 अप्रैल 2025 से प्रारम्भ हुई चारधाम यात्रा के पंजीकरण के तहत अभी तक ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण के तहत 29 के लगभग यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। जबकि 8 लाख के लगभग श्रद्धालु अभी तक धामों में दर्शनों का लाभ उठा चुके हैं। इसके अलावा जीएमवीएन के गेस्ट हाऊसों की बुकिंग के आधार पर कहा जा सकता है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु अब चारधाम का रुख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 से शुरू हुई जीएमवीएन गेस्ट हॉउसों की ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग के तहत अभी तक कुल 12,68,55,745 (बारह करोड़ अड़सठ लाख पचपन हजार सात सौ पैंतालीस) रुपये से अधिक की बुकिंग की जा चुकी है।

महाराज ने बताया कि आदि कैलाश व ओमपर्वत की यात्रा भी 02 मई 2025 से प्रारम्भ हो चुकी है। इसमें अब तक 3256 इनरलाईन परमिट जारी किये जा चुके हैं। जबकि 05 वर्षों के अंतराल के पश्चात कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून 2025 को दिल्ली से प्रारम्भ हो रही है। यात्रा में इस वर्ष कुल 250 यात्री प्रतिभाग कर सकेंगे। अंतिम बार यह यात्रा वर्ष 2019 में संचालित हुई थी। कोरोना महामारी के कारण इस यात्रा का संचालन नहीं हो सका।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा में 50-50 यात्रियों के कुल 05 दल जायेगें, प्रथम दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास से होते हुए चीन में प्रवेश करेगा, अंतिम यात्रा दल 22 अगस्त को चीन से भारत लौटेगा। यात्रा का संचालन कुमायूँ मण्डल विकास निगम नैनीताल द्वारा किया जायेगा। इस बार यात्रा रूट टनकपुर से धारचूला होते हुए कैलाश मानसरोवर जायेगा तथा चौकोडी होते हुए अल्मोडा से वापसी करेगा, यात्रा हेतु यात्रियों का मेडिकल परीक्षण दिल्ली में ही किया जायेगा।


यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा

ग्रीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल

श्रीनगर। चारधाम यात्रा को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए, प्रदेश सरकार ने इस यात्रा सीजन से 25 स्थानों पर ई व्हीकल चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध करा दी है।
इससे यात्रा में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार चारधाम यात्रा को ग्रीन यात्रा की थीम पर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में परिवहन विभाग (28)और टीएचडीसी (10)के सहयोग से चारधाम यात्रा मार्ग पर 38 ई व्हीकल चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसमें से यात्रा शुरू होने तक 25 स्टेशन शुरु किए जा चुके हैं, जहां यात्री आसानी से अपने ई व्हीकल को चार्ज करवा रहे हैं। ज्यादातर चार्जिंग स्टेशन जीएमवीएन की प्रापर्टी में स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक स्टेशन पर 60 किलोवाट क्षमता के यूनिवर्सल चार्जर लगाए गए हैं, जिनमें 30-30 किलोवाट की दो चार्जिंग गन शामिल हैं। जीएमवीएन के एमडी विशाल मिश्रा ने बताया कि ग्रीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए मुख्य पड़ावों पर ई-चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई है, ताकि यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित हो सकें। अकेले जनपद रुद्रप्रयाग में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित चार जीएमवीएन गेस्ट हाउसों पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप इस वर्ष चारधाम यात्रा को हरित यात्रा के रूप में आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में यात्रा मार्ग पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि उत्तराखंड को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में भी एक सार्थक कदम साबित होगी। सरकार का उद्देश्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण, रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म और हरित पर्यटन को नई दिशा दी जा सके।

पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखंड

यहां हैं ई चार्जिंग स्टेशन

उत्तरकाशी, हरिद्वार, ऋषिकेश, मंगलौर, रुड़की, बड़कोट, स्यानाचट्टी, फूलचट्टी, जानकीचट्टी, कौडियाला, श्रीनगर, श्रीकोट, गौचर, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, कालेश्वर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, औली, पांडुकेश्वर बद्रीनाथ, स्यालसौड़, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, घनसाली आदि।


चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई

अब पंचायत चुनाव में भी होगा खर्च का हिसाब-किताब

देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से इस बार चुनावी खर्च पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं ताकि प्रत्येक प्रत्याशी के खर्च का सटीक हिसाब रखा जा सके।

राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खर्च की सख्त निगरानी का निर्णय लिया है। आयोग के अनुसार, इस बार जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे जो प्रत्येक प्रत्याशी के व्यय का मिलान करेंगे और उसका विस्तृत ब्योरा एकत्र करेंगे। निकाय चुनाव की तर्ज पर जिन प्रत्याशियों ने खर्च का विवरण नहीं दिया, उनके खिलाफ पहले से कार्रवाई जारी है। अब पंचायत चुनाव में भी उसी तरह की सख्ती बरती जाएगी।

आयोग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस बार केवल पर्यवेक्षक ही नहीं, बल्कि जिलास्तर पर भी व्यय की रिपोर्टिंग पर नजर रखी जाएगी। सभी प्रत्याशियों से अपेक्षा की गई है कि वे तय सीमा के भीतर ही खर्च करें। खास बात यह है कि इस बार विभिन्न पदों के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा में वृद्धि की गई है।

इस बार चुनाव खर्च सीमा में ये हुए हैं बदलाव

पद पहले की सीमा संशोधित सीमा
सदस्य, ग्राम पंचायत ₹10,000 ₹10,000
उप प्रधान ₹15,000 ₹15,000
प्रधान ₹50,000 ₹75,000
सदस्य, क्षेत्र पंचायत ₹50,000 ₹75,000
सदस्य, जिला पंचायत ₹1,40,000 ₹2,00,000
कनिष्ठ उप प्रमुख ₹50,000 ₹75,000
ज्येष्ठ उप प्रमुख ₹60,000 ₹1,00,000
प्रमुख, क्षेत्र पंचायत ₹1,40,000 ₹2,00,000
उपाध्यक्ष, जिला पंचायत ₹2,50,000 ₹3,00,000
अध्यक्ष, जिला पंचायत ₹3,50,000 ₹4,00,000

भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

‘मेक इन इंडिया’ और सरकारी नीतियों से वैश्विक बाजार में बढ़ी भारत की पकड़

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी है कि भारत ने रक्षा निर्यात के क्षेत्र में अब तक का सबसे ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया है। उन्होंने बताया कि बीते दस वर्षों में रक्षा निर्यात में 34 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में रक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत ने 23,622 करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया, जबकि वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा मात्र 686 करोड़ रुपये था। उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस सफलता के पीछे भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की स्पष्ट रणनीति है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत सरकार ने कई योजनाओं को लागू किया है, जिनमें उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं भी शामिल हैं। इनका उद्देश्य भारतीय रक्षा उत्पादों को वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को प्रोत्साहित करना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।

सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के प्रभाव से रक्षा उत्पादन ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुका है। इस बढ़ोतरी का सीधा लाभ रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और निवेशकों को मिला है, जिससे इन कंपनियों में बाहरी निवेश भी बढ़ा है। साथ ही, सरकार रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण में लगातार निवेश कर रही है, जिसके चलते कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत के साथ तकनीकी साझेदारी में रुचि दिखाई है।

80 देशों तक पहुंचा भारतीय रक्षा उत्पादों का प्रभाव
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष में भारत ने करीब 80 देशों को गोला-बारूद, हथियार, प्रणालियां और उनके कलपुर्जे निर्यात किए हैं।

2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य
सरकार ने आगामी वर्षों में रक्षा निर्यात को और विस्तार देने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2029 तक भारत 50,000 करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उत्पादों के वार्षिक निर्यात का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिससे वैश्विक बाजार में भारत की उपस्थिति और मजबूत होगी।

पड़ोसी संघर्षों ने दिखाई आत्मनिर्भरता की आवश्यकता
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्षों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना कितना जरूरी है।


एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार

भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम धामी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई

धामी सरकार का 1064 विजिलेंस टोल फ्री नंबर बना प्रदेशवासियों के लिए वरदान

देहरादून।  उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चलाए जा रहे सख्त अभियान के अंतर्गत एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने देहरादून स्थित पटेलनगर थाना क्षेत्र के आईएसबीटी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक देवेन्द्र खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

शिकायतकर्ता द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि एक भूमि विवाद की जांच चौकी प्रभारी के पास लंबित है, जिसमें उन्होंने गैंगस्टर एक्ट लगाने की धमकी देकर पाँच लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। सतर्कता अधिष्ठान ने गुप्त जांच के बाद तत्परता से जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार किया। पिछले तीन सालों में अब तक 150 से ज्यादा आरोपियों को धामी सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेज चुकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के संकल्प पर दृढ़ है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी जनता का शोषण करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जनता को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।


आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान

एसडीसी 2.0 जल्द होगा तैयार, डेटा संग्रहण क्षमता में होगी बड़ी बढ़ोतरी

देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान सचिव आईटीडीए ने प्रदेशभर में संचालित प्रोजेक्ट्स एवं कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने आईटीडीए को मजबूत किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, सिस्टम अपग्रेड करते समय अगले 5-7 सालों की आवश्यकता के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि आईटीडीए द्वारा हाईब्रिड मॉडल (एसडीसी और क्लाउड) अपनाने के साथ ही लगातार अपनी क्षमता को बढ़ाया जाए। आईटीडीए को मजबूत करने के साथ ही विभागों द्वारा अपनी वेबसाईट्स एवं ऐप्लीकेशंस को विकसित करने का कार्य आईटीडीए के माध्यम से कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभागों को क्लाउड सेवा भी आईटीडीए के माध्यम से उपलब्ध करायी जाए।

मुख्य सचिव ने ऐसे विभागों, जिन्हें अपने दैनिक कार्यों के लिए अत्यधिक डाटा संग्रहण करना होता है, द्वारा अपनी अपेक्षित स्टोरेज की आवश्यकता के संबंध में आईटीडीए को अवगत कराया जाए। ताकि आईटीडीए अपेक्षित स्टोरेज क्षमता को परिकलित कर सके। उन्होंने आईटीडीए को अपनी इंस्टीट्यूशनल मैमोरी भी बढ़ाए जाने की बात कही। कहा कि इंस्टीट्यूशनल मैमोरी के होने से किसी विशेषज्ञ के जाने के बाद सिस्टम बंद नहीं होगा।

निदेशक नितिका खण्डेलवाल ने बताया कि आईटीडीए द्वारा एसडीसी को वर्ष 2018 में स्थापित किया गया है। एसडीसी 2.0 शीघ्र ही तैयार हो जाएगा जिससे आईटीडीए की डाटा संग्रहण क्षमता बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपद और ब्लॉक मुख्यालय स्वान नेटवर्क से 100 प्रतिशत परिपूर्ण हैं। साथ ही, 2036 ऑफिस स्वान नेटवर्क से जुडे़ हैं। साईबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में सिस्टम को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। आईटीडीए द्वारा इन-हाउस सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट का कार्य भी बेहतर तरीके से चल रहा है। आईटीडीए द्वारा यूसीसी, पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड, चारधाम डैशबोर्ड, सीएम हेल्पलाईन, ई-ऑफिस एवं अपुणी सरकार पोर्टल को तैयार एवं संचालित किया जा रहा है।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, बृजेश कुमार संत एवं अपर सचिव श्रीमती रीना जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 

देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बुधवार को देहरादून स्थित अपने कार्यालय में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने मसूरी विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली।

बैठक में मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र में चल रहे सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से उन कार्यों को प्राथमिकता देने को कहा जो अभी लंबित हैं। कैबिनेट मंत्री ने गढ़ी डाकरा, सेरकी, सहस्त्रधारा और शेरागांव जैसे क्षेत्रों में जल निकासी, सुरक्षा दीवारों और आरसीसी पाइप सहित बाढ़ सुरक्षा से संबंधित निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। मंत्री ने यह भी कहा कि जो प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं, उनकी शीघ्र स्वीकृति के लिए लगातार फालोअप किया जाए ताकि निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के समयबद्ध रूप से संपन्न हो सके।


दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में नाविक सैटेलाइट की भूमिका महत्वपूर्ण- महाराज

भारतीय सेना के आगे धरे रह गये पाक के न्यूक्लियर वेपन्स

देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण,पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के ठिकानों को चुन-चुनकर तबाह कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एयर बेस और आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में नाविक उपग्रह की भी अति महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

उन्होंने बताया कि नाविक उपग्रह एक स्वदेशी नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने विकसित किया है। यह नेविगेशन, समय निर्धारण और स्थिति निर्धारण सेवाएं प्रदान करता है। यह अमेरिका के जीपीएस (GPS) की तरह ही काम करता है। नाविक का उपयोग स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन, आपदा प्रबंधन, वाहन ट्रैकिंग और अन्य कई अनुप्रयोगों में किया जाता है। नाविक सैटेलाइट का एक नमूना मसूरी स्थित जार्ज एवरेस्ट के संग्रहालय में भी रखा गया है।

महाराज ने कहा कि इस आपरेशन में हमारी सेना की बहादुरी, कौशल और समर्पण ने एक बार फिर देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने आपरेशन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, एनएसएए अजित डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौ सेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी.सिंह, भारतीय सेना सभी अधिकारियों और सेना की भूमिका की सराहना करते हुए बधाई दी है।

उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर की सफलता ने दिखा दिया है कि हमारी सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और वह देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है। भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और देश की जनता को गर्व महसूस कराया है। आपरेशन सिंदूर की सफलता में भारतीय वीरांगना कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों की भूमिका भी अति महत्वपूर्ण रही है, जिन्होंने अपनी बहादुरी, कौशल और सूझबूझ से इस आपरेशन को अंजाम दिया है। पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए इस अघोषित युद्ध के पश्चात निश्चित रूप से भारत की शक्ति और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है और भारत विश्व की एक महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है।

महाराज ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत पर बार-बार न्यूक्लियर हमले की गीदड़ भपकी देने वाले पाकिस्तान के नूरखान एयर बेस पर भारतीय सेना के हमले के बाद उसके न्यूक्लियर वेपन्स धरे के धरे रह गये हैं। बताया तो यहां तक भी जा रहा है कि पाकिस्तान के किराना हिल्स पर स्थित उसके न्यूक्लियर वेपन्स भी भारतीय हमले की जद में आये हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत में जिस प्रकार की कार्यवाही करते हुए पाकिस्तान के आतंकवादी व सैन्य ठिकानों को तबाह किया उससे न केवल विश्व को भारत की ताकत का पता चला है बल्कि पाकिस्तान को भी घुटने टेकने पर विवश होना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि “कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)” द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान की मदद करने वाले देश तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का पूरी तरह से बहिष्कार का निर्णय उचित एवं स्वागत योग्य है।


मुख्यमंत्री धामी ने 350 करोड़ की विधायक निधि को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री आवास योजना को भी मिला बल, मानपुर-काशीपुर में बिजली आपूर्ति कार्य के लिए ₹2.18 करोड़ स्वीकृत

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के आय-व्ययक में विधायक निधि योजनान्तर्गत प्रावधानित धनराशि से 70 विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों हेतु ₹500 लाख प्रति विधायक की दर से कुल ₹350 करोड़ की राशि अनुदान के रूप में स्वीकृत करने का अनुमोदन प्रदान किया है। यह राशि सामान्य, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए क्रमशः 78%, 19% और 3% के अनुपात में वितरित की जाएगी।

राज्य योजना के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों को स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए भी धनराशि स्वीकृत की है:

पौड़ी गढ़वाल: विधानसभा क्षेत्र पौड़ी में देहलचौरी मोटर मार्ग से चामापानी-धौलकण्डी होते हुए कांडा मंदिर तक मोटर मार्ग के नव निर्माण हेतु ₹3.71 करोड़ की मंजूरी।

हरिद्वार: हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पथरी से बहादराबाद मार्ग पर सुकरासा गांव के निकट पथरी रोह नदी पर 36 मीटर स्पान के प्री-स्ट्रेस आरसीसी सेतु के निर्माण हेतु ₹5.44 करोड़ स्वीकृत।

रुद्रप्रयाग (अगस्तमुनि): खांकरा छातीखाल मोटर मार्ग के किमी 01 से 05 तक डीबीएम और बीसी द्वारा सुदृढ़ीकरण एवं सड़क सुरक्षा कार्य हेतु ₹4.45 करोड़ की मंजूरी।

रुद्रप्रयाग (केदारनाथ): विकासखण्ड उखीमठ में पंचकेदार श्री मस्ता मदमहेश्वर मंदिर जाने वाले पैदल मार्ग पर झूला पुल निर्माण के लिए ₹7.28 करोड़ स्वीकृत।

टिहरी गढ़वाल: प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र में स्यालगी-जुलाडगांव-डोडक-थापला मोटर मार्ग के सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य हेतु ₹3.61 करोड़ की राशि स्वीकृत।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को भी मिली वित्तीय स्वीकृति
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मानपुर–काशीपुर आवासीय परियोजना में विद्युत आपूर्ति कार्य हेतु ₹2.18 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने का भी अनुमोदन दिया।

इन सभी निर्णयों के माध्यम से मुख्यमंत्री ने राज्य के समग्र एवं संतुलित विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विस्तार और जीवन स्तर में सुधार संभव हो सकेगा।


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