Virsaviya Borun Heart: आम तौर पर आपने दिल की धड़कन सुनी होगी लेकिन आपने कभी दिल को धड़कते नहीं देखा होगा। जी हां, ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों ने दिल को धड़कते देखा होगा। लेकिन अगर आम आदमी की बात करें तो शायद ही किसी आम आदमी ने सामने से दिल धड़कते देखा होगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको उस लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका दिल आप धड़कते हुए साफ देख सकते हैं। इस लड़की का दिल सिर्फ त्वचा की एक पतली परत के पीछे छिपा है।
हम जिस लड़की की बात कर रहे हैं वह मूल रूप से रूस की रहने वाली है और फिलहाल यह लड़की अमेरिका के फ्लोरिडा में अपनी मां के साथ रहती है। जब इस बच्ची का जन्म हुआ तब से इस बच्ची का दिल छाती और पेट के बीच धड़कता हुआ नजर आया।
दरअसल इस बच्ची का दिल मां के गर्भ से ही इस तरह से बाहर की ओर निकला हुआ था। मां के गर्भ में ही बच्ची की मांसपेशियां और पसलियां गलत तरीके से विकसित हो गई। जब गर्भ में पल रही वरसाविया (Virsaviya Borun Heart) की कंडिशन के बारे में डाक्टर्स को पता चला तो उन्होंने वरसाविया की मां को अबॉर्शन कराने की सलाह दी और कहा था कि या तो ये बच्ची मृत पैदा होगी या फिर कुछ समय बाद ये बच्ची मर जाएगी, लेकिन वरसाविया की मां ने अपने गर्भ में पल रही वरसाविया को रखने का निर्णय लिया और आज वरसाविया पूरे 12 साल की हो चुकीं हैं और बिलकुल स्वथस्थ हैं।
दरअसल वरसाविया (Virsaviya Borun Heart) को जन्म से ही एक दुर्लभ बिमारी थी जिसका नाम है पेंटलोगी ऑफ कैंट्रेल (Pentalogy of Cantrell)। ये बीमारी 10 लाख बच्चों में से किसी एक को होती है। वरसाविया ज्यादा ठंडे इलाके में नही रह पाती हैं जिसके बाद वरसाविया की मां उनके साथ अमेरिका के फ्लोरिडा में शिफ्ट हो गईं।
वरसाविया की मां का फ्लोरिडा शिफ्ट होने का एक कारण वरसाविया को ठीक करना भी था, ताकी फ्लोरिडा जाकर वरसाविया (Virsaviya Borun Heart) को एक बहतर इलाज मिल सके। वरसाविया की मां ने वरसाविया को कई अस्पतालों में दिखाया, उनकी सर्जरी कराने की सोची लेकिन सभी डॉक्टर्स ने वरसाविया की सर्जरी (Virsaviya Borun Heart) करने से इंकार कर दिया क्योंकि इसमें वरसाविया की जान भी जा सकती है।
12 साल की वरसाविया स्कूल जाती हैं, उनके कई फ्रैंड्स भी हैं, लेकिन एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू देते समय वरसाविया बताती हैं कि मेरी इस हालत को लेकर कई बच्चे मुझे चिढ़ाते हैं और इसे मेरे अगेंस्ट इस्तेमाल करते हैं। जैसे बाकी बच्चे भाग सकते हैं मैं भाग नही सकती, एक्सर्साइज नही कर पाती, कूद नही पाती, लेकिन फिर भी मै एक नॉर्मल लाइफ जी रही हूं।
वरसाविया (Virsaviya Borun Heart) का कहना है कि उन्हें किसी भी प्रकार का कोई दर्द महसूस नही होता, बस उन्हें अपना थोड़ा ज्यादा खयाल रखना पड़ता है ताकी कोई भी चीज उनके हार्ट पर आकर न लगे। वहीं वो ज्यादा खेल कूद भी नही पाती हैं क्योंकि ऐसा करने से उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।
वरसाविया एक जिंदादिल बच्ची हैं जो अपनी उम्र के मुताबिक बेहद स्ट्रॉग हैं। उन्हें पेंटिंग करना बहुत पसंद है और साथ ही गानों में झूमना भी पसंद है। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वरसाविया जल्द से जल्द ठीक हो जाएं और वो बाकी बच्चों की तरह ही खेल कूद पाएं।