टिहरी बांध विश्व प्रसिद्ध रॉकफिल टिहरी बांध आज देश के नौ राज्यों को बिजली उपलब्ध कराने के साथ-साथ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पेयजल और सिंचाई का पानी भी उपलब्ध करा रहा है।
Uttarakhand: नई टिहरी, टिहरी बांध विश्व प्रसिद्ध रॉकफिल टिहरी बांध आज देश के नौ राज्यों को बिजली प्रदान कर रहा है, जबकि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पेयजल और सिंचाई का पानी भी उपलब्ध करा रहा है। 2400 मेगावाट की इस जलविद्युत परियोजना के लिए टिहरी शहर को जलमग्न करना पड़ा, जिसमें 37 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए, जबकि 88 गांव आंशिक रूप से इससे प्रभावित हुए.
टिहरी जिले में भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर बने टिहरी बांध के निर्माण को वर्ष 1972 में स्वीकृत किया गया था और बांध का निर्माण कार्य वर्ष 1977-78 में शुरू हुआ था. भूकंप से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए टिहरी बांध को रॉकफिल बनाया गया था। इसमें टिहरी बांध झील के पानी को रोकने के लिए बनी दीवार को पूरी तरह से पत्थर और मिट्टी भरकर बनाया गया है. 29 अक्टूबर 2005 को टिहरी बांध की अंतिम सुरंग को बंद कर दिया गया और झील का निर्माण शुरू हो गया। टिहरी बांध से बिजली उत्पादन जुलाई 2006 में शुरू हुआ था। वर्तमान में टिहरी बांध से एक हजार मेगावाट और कोटेश्वर बांध से 400 मेगावाट बिजली पैदा होती है।
पंप स्टोरेज प्लांट पर फिलहाल 1000 मेगावाट बिजली पैदा करने का काम चल रहा है। इसका काम पूरा होने के बाद टिहरी बांध से 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। टिहरी बांध से 125 गांव प्रभावित हुए हैं. इनमें से 37 पूरी तरह से झील में डूब गए, जबकि 88 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए। टिहरी और उसके आसपास के इलाकों से हजारों लोग विस्थापित हुए और देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में बस गए।
टिहरी और गांव खाली होने के बाद यहां बांध के लिए 42 वर्ग किमी लंबी टिहरी झील बनाई गई। टिहरी बांध से 2,70,000 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. मानसून में उतार-चढ़ाव और झील के जल स्तर के कारण इसमें भी कुछ अंतर है।
टिहरी बांध की तीन यूनिट
- टिहरी बांध-1000 मेगावाट
- कोटेशवर जल विद्युत परियोजना-400 मेगावाट
- टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना-1000 मेगावाट निर्माणधीन
एक नजर
- झील क्षेत्र ——– 42 वर्ग किमी
- बांध दीवार की शीर्ष पर लंबाई——–575 मी.
- बांध दीवार की शीर्ष पर चौड़ाई 25.5 मी. से 30.5 मी.तक फैलाव
- बांध दीवार की तल पर चौड़ाई———1125 मी.
टिहरी बांध के ऊपर से होता है आवागमन
टिहरी बांध झील के कारण अलग-थलग पड़े प्रतापनगर, भिलंगना ब्लॉक तक पहुंचने के लिए वाहनों की आवाजाही भी बांध के ऊपर बनी सड़क से होती है. दिन में वाहनों की आवाजाही होती है लेकिन सुरक्षा कारणों से रात में वाहनों को जाने की अनुमति नहीं होती है। बांध की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मी हर समय तैनात रहते हैं। स्थानीय निवासी कई बार यहां 24 घंटे आवागमन की मांग कर चुके हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से अब तक यह मांग पूरी नहीं की जा सकी है.
संदीप कुमार अग्रवाल (अतिरिक्त महाप्रबंधक, योजना) का कहना है कि टिहरी बांध आज देश के नौ राज्यों को बिजली दे रहा है. साथ ही दिल्ली और यूपी में पीने और सिंचाई के लिए पानी भी मुहैया करा रही है.