उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा के 12 वें दिन 7 फरवरी को आज सुबह तपोवन सुरंग से एक शव बरामद किया गया। सुरंग से मलबा हटाने का काम अभी जारी है।
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तपोवन सुरंग में दो और रैणी क्षेत्र से एक शव मिला
- आज, दो शव सुरंग से और एक रैनी क्षेत्र से बरामद किया गया है। सुरंग से कुल 13 शवों को निकाला गया है। अब तक 61 शव और 27 मानव अंग बरामद किए गए हैं। 143 लोग अभी भी लापता हैं।
खोज और राहत बचाव कार्य चल रहा है
- आज तड़के करीब 4.30 बजे तपोवन सुरंग से शव बरामद किया गया। सुरंग में पानी पंप करते समय पानी बाहर निकाला जा रहा है। खोज और राहत बचाव कार्य चल रहा है।
कुल मृत 59, 145 अभी भी लापता है
- गुरुवार की सुबह एक शव मिलने के बाद अब कुल मृतकों की संख्या 59 हो गई है। वहीं अभी भी 145 लोग आपदा के बाद से लापता चल रहे हैं।
तपोवन सुरंग में मिला एक शव
- उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा के 12 वें दिन 7 फरवरी को आज सुबह तपोवन सुरंग से एक शव बरामद किया गया। सुरंग से मलबा हटाने का काम अभी जारी है।
डॉक्टरों की टीम तपोवन से लौट आई
उप जिला अस्पताल की मेडिकल टीम चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन से एक सप्ताह बाद श्रीनगर लौट आई है। टीम ने आपदा में शवों का पोस्टमार्टम किया और साथ ही ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया। उप-जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ। लोकेश सलूजा और आर्थोपेडिक सर्जन डॉ। गौतम नैथानी, जो टीम में शामिल हुए, ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को बचाने में मदद में लगे सैनिकों और अर्धसैनिक बलों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हमारी टीम को सेना द्वारा अचानक पुल ढहने के कारण अलग-अलग गांवों में रस्सियों से ले जाया गया। टीम ने भंगूले, गहर, जुगवाड़, जुग्यू आदि गांवों में जाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद दवाइयां वितरित कीं। टीम में डॉ। गौतम नैथानी, डॉ। लोकेश सलूजा, फार्मासिस्ट सतीश काला, वार्ड बायव देव बिष्ट आदि शामिल हैं।
25 मानव अंग बरामद
बुधवार को सुरंग, बैराज और बरसात स्थल पर कोई शव नहीं मिला। हालांकि चमोली के बराली गांव के पास एक मानव अंग (हाथ) बरामद किया गया। 25 मानव अंगों को बरामद किया गया है। बैराज स्थल से पानी और मलबा हटाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदोरिया ने बताया कि सुरंग से बहुत सारा पानी निकल रहा है। पानी को जल्द से जल्द निकाला जा सकता है। इसके लिए पंप लगाए गए हैं। जेसीबी को बैराज स्थल पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है जहां सूखा पड़ा है। इसके साथ ही सर्च अभियान को तेज किया जा सकता है। रैनी के पास एनडीआरएफ और जेसीबी लगाकर बारिश भी तलाशी जा रही है।