टिहरी झील महोत्सव की भजन संध्या में, जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने शानदार भजन और जागरों के साथ दर्शकों को बांधे रखा। उन्होंने सबसे पहले चमोली आपदा में मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और लापता लोगों को जल्द देखने की कामना की। उन्होंने शुभ संध्या, नरैनी मेरी दुर्गा भवानी, बैकुंठ बद्रीनाथ भजन प्रस्तुत कर कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया।
प्रीतम भरतवाण ने बांधा समां
मंगलवार को कोटी कॉलोनी में आयोजित भजन और जागर संध्या से पहले गो सेवा समिति मुनिकीरती द्वारा गंगा आरती की गई। आरती स्टाल पर एक लाइट एंड लेजर शो भी किया गया। जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने श्री नाग पंचमी आली, नरसिंग नारायण, मधुबन मुरली, नरैनी मेरी दुर्गा भवानी, जय जय माया, जय जय माया राज राजेश्वरी से लेकर कई जागरों और भजनों की शानदार प्रस्तुति दी। साथ ही, कलाकार सूरतम भरतवाण ने माँ दुर्गा भवानी सहित कई भजन प्रस्तुत किए। उनके साथ प्रदीप असवाल, राकेश भट्ट, हरिओम शरण, बिजेंद्र विस्मल जैसे कलाकारों ने अपनी आवाज़ दी।
गढ़वाली व्यंजनों का उठाया आनंद
महिला स्व-सहायता समूह, युवाओं और राज्य के होटल प्रबंधन खानपान प्रौद्योगिकी संस्थान और पौष्टिक पोषण विशेषज्ञ, सारथी विनिर्माण आदि ने उत्सव के दौरान गढ़वाली व्यंजनों के स्टाल लगाए। उत्सव में पहुंचे लोगों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया। अंजलि आर्य, त्रिहरी संगम सांस्कृतिक के श्रीराम पंचोला, सामाजिक नाटक कला मंच ने ढोल, दमाऊं, हुडका, मसकबीन, डौंर, थाली, रणसिंग आदि जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया। महोत्सव में 31 विभागों के स्टाल भी लगाए गए। सीडीओ अभिषेक रूहेला, डीडीओ सुनील कुमार ने स्टाल और प्रदर्शनी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
सेना के जवानों ने दिखाए करतब
मंगलवार को टिहरी झील महोत्सव में पहली बार ITBP, BSF और भारतीय सेना के जवानों ने साहसिक खेलों में कई शानदार करतब दिखाए। सेना के जवानों ने हेलीकॉप्टर से पैरा जंपिंग, स्काई डाइविंग आदि का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, कयाकिंग, कैनोइंग, वॉटर स्कूटर, स्पीड बोट ने भी झील में बेहतर प्रदर्शन किया।