श्रीनगर गढ़वाल (पौरी गढ़वाल) : श्रीनगर गढ़वाल के केंद्रीकृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल में गुरुवार को दीक्षा परेड का आयोजन किया गया. इसमें विभागीय भर्ती से सब-इंस्पेक्टर बने 64 प्रशिक्षुओं ने शानदार मार्च पास्ट करते हुए मुख्य अतिथि व एसएसबी फ्रंटियर मुख्यालय रानीखेत के आईजी चांस केशिंग को सलामी दी.
हरियाणा का सबसे ऊंचा सब-इंस्पेक्टर पासआउट
गुरुवार को एसएसबी में विधिवत रूप से शामिल हुए 64 सब-इंस्पेक्टरों में उत्तराखंड से आठ, यूपी से नौ, बिहार से सात, हरियाणा से 17, राजस्थान से आठ, हिमाचल, पश्चिम बंगाल, मणिपुर और मध्य प्रदेश से एक-एक, झारखंड से दो , दो दिल्ली से। नौ शामिल हैं। वहीं महेंद्रगढ़ हरियाणा के प्रशांत कुमार को सर्वश्रेष्ठ सब-इंस्पेक्टर की ट्रॉफी दी गई। 24 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण के बाद वह सब-इंस्पेक्टर बन गए हैं।
एसएसबी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
गौरतलब है कि मित्र देशों की सीमा और नागरिकों से जुड़े क्षेत्र की वजह से एसएसबी की जिम्मेदारी अहम होती है। SSB भारत-नेपाल की 1751 किमी और भारत-भूटान सीमाओं की 699 किमी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
सशस्त्र सीमा बल के बारे में जानिए
मई 1963 में सशस्त्र सीमा बल के विशेष सेवा ब्यूरो के रूप में स्थापित, 1962 में चीनी (आक्रमण के बाद) सशस्त्र सीमा बल गृह मंत्रालय (जनवरी 2001) के तत्वावधान में आया। एसएसबी को भारत-नेपाल (जून 2001) के लिए एक प्रमुख खुफिया एजेंसी घोषित किया गया था और भारत-नेपाल सीमा को सौंपा गया था। बाद में एसएसबी को भारत-भूटान सीमा (2004 मार्च) भी सौंपी गई। मार्च 2004 में अपनी स्थापना के बाद से, एसएसबी ने मार्च 2004 में राष्ट्रीय सुरक्षा कीस्टोन भूमिका की मान्यता में ध्वज प्राप्त किया।
प्रशिक्षण केंद्र
काउंटर अटैक, रेंज मैनेजमेंट, अनुमान प्रबंधन, उत्तरजीविता और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाता है। देश में उनके निम्नलिखित केंद्र हैं।
- फ्रंटियर अकादमी ग्वालदम श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड
- प्रशिक्षण केंद्र सलोनी बारी असम
- प्रशिक्षण केंद्र सपरी हिमाचल प्रदेश
- खुफिया प्रशिक्षण स्कूल घिटोरनी दिल्ली
- संचार प्रशिक्षण केंद्र कुसुम्पटी हिमाचल प्रदेश