कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने राहुल गांधी को रांची सिविल कोर्ट की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है.
आपको बता दें कि रांची सिविल कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ दायर शिकायत पर सुनवाई की तारीख 4 फरवरी को मुकर्रर की गई थी, लेकिन इससे पहले ही नोटिस पर रोक लगने से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है.
दरअसल राहुल गांधी ने 2018 में अमित शाह को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसको लेकर सिविल कोर्ट ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था. इसी को लेकर राहुल गांधी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई थी.
मामले को लेकर जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत में सुनवाई हुई. जिसके बाद अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक जारी रखने का निर्देश दिया. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. तब तक अदालत ने दोनों पक्षों को लिखित बहस प्रस्तुत करने को कहा है.
क्या है मामला
आपको बता दें कि 2018 में राहुल गांधी ने एक बयान दिया था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है. कांग्रेसजन किसी हत्यारा को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं, यह भाजपा में ही पॉसिबल है. राहुल के इस बयान को बीजेपी ने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी माना.
इसके बाद बीजेपी नेता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज करवाई थी. जिस पर रांची सिविलकोर्ट ने संज्ञान ले लिया था. फिर राहुल गांधी इस आदेश को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जारी नोटिस और कार्रवाई पर रोक लगा दी है.