Valentines Day 2023: विदेशों के साथ-साथ अब भारत में भी वैलेंटाइन डे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत कब से हुई? नहीं तो हम आपको यही बताने जा रहे हैं।
भारत में वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत पहाड़ों की रानी मसूरी से मानी जाती है। ‘मसूरी मर्चेंट द इंडियन लेटर्स’ पुस्तक में प्रकाशित एक पत्र इस बात की गवाही देता है। जिससे माना जाता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरुआत साल 1843 में मसूरी से हुई थी।
शिक्षक ने मसूरी से इंग्लैंड भेजा था पत्र
- इंग्लैंड में जन्मे मोगर मांक मसूरी में जॉन मेकेनन के बार्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे। तब उन्हें एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया था।
- इसके बारे में बताने के लिए उन्होंने 14 फरवरी 1843 को अपनी बहन मारग्रेट मांक के नाम इंग्लैंड खत भेजा था।
- इस खत में उन्होंने लिखा था कि, ‘प्रिय बहन! आज वेलेंटाइन डे के दिन में यह पत्र लिख रहा हूं। मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है। मैं उसके साथ बहुत खुश हूं।’
- वर्ष 1849 में मेरठ में निवास के दौरान मोगर मांक का निधन हो गया था। लेकिन उनके इस खत का पता तब चला जब उनके एंड्रयू मारगन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे गए खतों का जिक्र ‘मसूरी मर्चेंट इंडियंन लैटर्स’ पुस्तक में किया।
- तब से इसे देश में पहली बार लिखे गए प्रेम पत्र के रिकार्ड के रूप में माना जाता है और यह भी माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वेलेंटाइन डे का आगाज हुआ होगा।
मोगर मानक के पत्र से पहले वैलेंटाइन मनाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है
इतिहासकारों के अनुसार यूरोप में हजारों साल पहले से वैलेंटाइन डे मनाया जाता रहा है। लेकिन भारत की बात करें तो रिकॉर्ड के मुताबिक मोगर मांक ने सबसे पहले 14 फरवरी 1843 को अपनी बहन को लिखे एक पत्र में वैलेंटाइन डे का जिक्र किया था। इससे पहले ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है जिसमें वैलेंटाइन डे का जिक्र हो।
वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है?
रोम पर तब तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस का शासन था, जिनका मानना था कि पुरुषों की शक्ति और बुद्धि विवाह से कम हो जाती है। उसने फैसला किया कि उसका कोई भी सैनिक या अधिकारी शादी नहीं करेगा।
संत वैलेंटाइन ने इस आदेश का विरोध किया और उनके आह्वान पर कई सैनिकों और अधिकारियों की शादी हुई। जिसका परिणाम यह हुआ कि क्लॉडियस ने 14 फरवरी, 269 को संत वेलेंटाइन को फाँसी पर चढ़ा दिया। तब से उनकी याद में ‘वेलेंटाइन डे’ मनाया जाता है।