Uttarakhand Tehri News: चंबा-मसूरी फलपट्टी क्षेत्र के लोगों को नए साल में पेयजल संकट से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। क्षेत्र की 27 ग्राम पंचायतों के लिए बनाई जा रही चंबा-मसूरी फलपट्टी ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना का ट्रायल रन शुरू हो गया है।
अब तक का परीक्षण सफल रहा तो जल निगम ने करोड़ों रुपये की लागत से बनी योजना से अप्रैल से पहले जलापूर्ति शुरू करने का लक्ष्य रखा है. कडुखाल, सुरकंडा मंदिर तक पानी पहुंच गया है।
चंबा-मसूरी फल पट्टी क्षेत्र पर्यटन हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, लेकिन पानी की समस्या के कारण ग्रामीणों के साथ-साथ होटल व्यवसायियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जा रहे क्षेत्र की पेयजल समस्या से निपटने के लिये वर्ष 2015-16 में सौंग नदी हटवाल गांव से सुरकंडा मंदिर तक पम्पिंग पेयजल योजना स्वीकृत की गयी.
41 करोड़ रुपये की लागत से बनी योजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जल निगम ने टेस्टिंग शुरू कर दी है. जल निगम ने टेस्टिंग का काम पूरा करने के लिए फरवरी का समय तय किया है।
हटवाल गांव की सौंग नदी से बनी 33 किलोमीटर पेयजल योजना से 27 ग्राम पंचायतों के 142 गांव लाभान्वित होंगे. 2036 तक बनी योजना से करीब 20 हजार की आबादी को सुबह-शाम पानी मिल सकेगा।
चंबा-मसूरी फलपट्टी पंपिंग पेयजल योजना के सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। टैंक बन चुके हैं और फिल्टर भी लगा दिए गए हैं। इन दिनों स्कीम का ट्रायल रन चल रहा है। करीब 10 गांवों में पानी पहुंच गया है।
ट्रायल पूरा होने में दो माह का समय लगेगा। अप्रैल से सभी गांवों में सुबह-शाम जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। – केएन सेमवाल, कार्यपालन यंत्री, जल निगम चंबा।