टीएचडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रो पावर टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में प्रोफेसर और लैब असिस्टेंट के खाली पदों को भरने की कवायद फिर से शुरू हो गई है. प्रबंधन ने खाली पदों को भरने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। संस्थान को अनुमति मिली तो प्रोफेसर व लैब असिस्टेंट के 30 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड टीएचडीसी आईएचईटी (टीएचडीसी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) संस्थान का निर्माण लगभग 15 करोड़ की लागत से भागीरथीपुरम में किया गया था। इंजीनियरिंग संस्थान में वर्ष 2011 से पांच विषयों में बीटेक की पढ़ाई शुरू की गई थी, लेकिन अधिकांश पदों पर संविदा प्रोफेसर होने के कारण संस्थान को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
करीब पांच साल बाद संस्थान को अब स्थायी निदेशक मिल गया है, जिससे एक बार फिर नियुक्ति प्रक्रिया की कवायद शुरू हो गई है। संस्थान ने सरकार को 25 सहायक, पांच एसोसिएट प्रोफेसर, आठ प्रयोगशाला सहायक के पद भरने की अनुमति के लिए पत्र भेजा है।
18 सहायक प्राध्यापकों के भरोसे चल रहा संस्थान
संस्थान बी.टेक में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर साइंस की शाखा संचालित करता है। प्रत्येक शाखा में सीटों की संख्या 60-60 है। जिसमें पांच प्रोफेसर, पांच एसोसिएट प्रोफेसर, 50 सहायक प्रोफेसर के पद सृजित किए गए हैं, जिनमें से 18 नियमित सहायक प्रोफेसर ही कार्यरत हैं। जबकि 18 गेस्ट फैकल्टी से काम लिया जा रहा है।
संस्थान में खाली पदों को भरने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। सरकार से अनुमति मिलने के बाद एसोसिएट, असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर लैब असिस्टेंट के पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. डॉ. शरद प्रधान, निदेशक, टीएचडीसी आईएचईटी।