Uttarakhand Tehri News: टिहरी जनपद के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में तीन दिवसीय गुरु कैलापीर मेला शुरू हो गया है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता के साथ खेतों में दौड़ लगाते हैं। दौड़ में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी भी गांव पहुंचे। यह दौड़ वर्षों से आयोजित की जाती रही है। इससे पहले बुधवार को क्षेत्र में मंगशीर की बग्वाल मनाई गई जिसमें ग्रामीणों ने सामूहिक भैलो बजाया और देर रात तक मांडण का आयोजन किया गया।
बूढ़ाकेदार पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
मेले का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवान ने किया। उन्होंने कहा कि बूढ़ाकेदार पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां तीर्थाटन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत रहेंगी।
देवता के निशान को स्नान करवाया गया
मेले के पहले दिन सुबह गुरु कलापीर देवता के मंदिर में पूजा अर्चना की गई, जिसके बाद देवता की मूर्ति को स्नान कराया गया। दोपहर करीब 1.30 बजे क्षेत्रवासी ढोल-दमऊ लेकर मंदिर परिसर पहुंचे। और देवता को बाहर आने के लिए पुकारने लगा। इस दौरान गुरु कालपीर देवता के मंत्रोच्चारण किया गया। दोपहर 2 बजे मंदिर परिसर से भगवान की मूर्ति निकाली गई।
इस अवसर पर सभी ने देवी के दर्शन किए। इसके बाद आगे देवता का निशान और पीछे से क्षेत्र के लोग पुंडारा सेरा पहुंचे। जहां देवता के निशान के साथ दौड़ का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक दौड़ में बूढ़ाकेदार के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्र के निवासियों ने भाग लिया, जबकि सैकड़ों लोग इस दौड़ के साक्षी बने। खेतों के आसपास के घरों के आंगन और छत निवासियों से खचाखच भरे हुए थे। ग्रामीण सीढ़ीदार मैदान पर देवता के निशान के साथ सात चक्कर लगाते हैं।
आकर्षण का केंद्र देवता के साथ दौड़ रही
कोरोना के चलते दो साल तक मेले सादगी से लगते रहे, लेकिन इस बार भव्य आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भगवान के साथ खेतों में ग्रामीणों की दौड़ आकर्षण का केंद्र रही। दौड़ समाप्त होने के बाद क्षेत्र के लोगों ने देवता से मन्नत मांगी। इस दौड़ का आयोजन क्षेत्र की समृद्धि, अच्छी फसल के लिए किया जाता है। दौड़ समाप्त होने के बाद क्षेत्र के निवासियों ने मेले का भ्रमण किया और खूब खरीदारी की। मेले में बाहर से बड़ी संख्या में दुकानदार पहुंचे थे।
इस मौके पर बूढ़ाकेदार कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र नेगी, मुकेश नाथ, गोपेश्वर प्रसाद जोशी, रामानुज बहुगुणा, धीरेंद्र नौटियाल, शंभुशरण रतूड़ी, सतीश रतूड़ी, महेश सिंह, कमल सिंह राणा आदि मौजूद रहे.
ट्रैफिक जाम की समस्या
इस बार मेले में काफी भीड़ उमड़ी, जिससे चमियाला कस्बे व बूढ़ाकेदार के निवासियों को भी जाम की समस्या का सामना करना पड़ा. पहले दिन बाहर से भी काफी संख्या में लोग दौड़कर देवता के दर्शन के लिए यहां पहुंचे, जिससे यहां वाहनों की लंबी कतार लग गई।
जगह-जगह वाहनों की पार्किंग के कारण रहवासियों को जाम का सामना करना पड़ा। जाम देखकर कई बार लोग काफी दूर तक पैदल चले। वहीं, जाम के कारण रहवासियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा।