टिहरी घनसाली में गुलदार ने एक 12 साल के किशोर को अपना निवाला बना दिया। देर शाम तक बच्चा जब घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। किशोर का शव जंगल में मिला।
बालगंगा तहसील के ग्राम पंचायत मयकोट निवासी एक 12 वर्षीय किशोर को गुलदार ने बीती शाम को मौत के घाट उतार दिया है। ग्राम पंचायत मयकोट के अल्दी तोक में निवासरत रणवीर चंद्र का 12 वर्षीय बेटा अरनव चंद बीती शाम को अपने दोस्तों के साथ खेलने मैं मयकोट गांव में गया था।
टिहरी घनसाली में रविवार को सामने आई इस घटना से क्षेत्र में के लोगों में दहशत है। शाम 5 बजे के लगभग वह मैं मयकोट गांव से वापस अपने घर लौट रहा था कि रास्ते में गुलदार ने उस पर हमला बोल दिया।
अरनव जब शाम 6 बजे तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी ढूंढ शुरू की। रास्ते में खून के धब्बे मिलने पर ग्रामीणों ने जंगल में उसकी तलाश की। रास्ते से 150 मीटर दूर झाड़ियों में रात 2:30 बजे अरनव का शव बरामद हुआ। रेंज अधिकारी प्रदीप चौहान ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए पिलखीअस्पताल लाया जा रहा है।
गुलदार दिखने से मचा हड़कंप, शोर मचाने के बाद भागा गुलदार
वहीं चमोली जिले के गोपेश्वर नगर के हल्दापानी, ला कालेज, नैग्वाड़, घिघराण रोड व पीजी कालेज क्षेत्र में इन दिनों गुलदार की दहशत बनी हुई है। रविवार को वन विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में लंबी दूरी की गश्त की।
रविवार सुबह छह बजे गोपेश्वर मुख्यालय स्थित ला कालेज के पास गुलदार आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच गया। गुलदार को देख स्थानीय निवासी लक्ष्मण सिंह बर्त्वाल ने शोर मचा दिया।
शोर सुनकर आस पड़ोस के नागरिक भी घरों से बाहर निकले व गुलदार को देखने के बाद शोर मचाने लगे, जिसके बाद गुलदार वहां से भाग निकला। रेंजर बलवंत सिंह नेगी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्र में गश्त की, लेकिन गुलदार कहीं नहीं दिखाई दिया।
रेंजर बलवीर सिंह नेगी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो गुलदार को पकड़ने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाएंगे। वन विभाग की टीम में पृथ्वी सिंह नेगी, नरेंद्र रावत, अनीता, जयप्रकाश किमोठी और धीरेंद्र शामिल रहे।
ला कालेज के प्राचार्य राजेश कुमार ने बताया कि कालेज के समीप ही आवासीय भवन हैं। यहां पर सुबह छात्र-छात्राओं के साथ ही ट्यूशन के बच्चों की आवाजाही होती है। कहा कि वन विभाग को गुलदार की साइड चिह्नित कर लंबी दूरी की गश्त करनी चाहिए।