राज्य के ग्रामीण इलाकों की सूरत बदलने के लिए धामी सरकार ग्राम्य विकास महा योजना लेकर आई है। आगामी वित्तीय वर्ष में इसके लिए बजट में 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत ग्राम स्तर पर मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। शिक्षा, चिकित्सा, निर्बाध ऊर्जा, संचार एवं पेयजल, रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर ग्राम स्तर पर ही उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा।
आगामी बजट में मुख्यमंत्री प्रवासन निवारण योजना हेतु 25 करोड़ रुपये एवं मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना हेतु 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसी तरह मेरा गांव मेरी सड़क योजना के लिए 7 करोड़ रुपये और रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
इसके अलावा आगामी बजट में मुख्यमंत्री प्रवासन निवारण योजना के लिए 25 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसी तरह मेरा गांव मेरी सड़क योजना के लिए 7 करोड़ रुपये और रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बाह्य सहायता प्राप्त ग्रामीण उद्यम त्वरण परियोजना के लिए बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह अधिकारिता योजना के लिए बजट में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए बजट में 521.55 करोड़ रुपये का भारी भरकम प्रावधान किया गया है.
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h2>ग्रामीण युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ग्रामीण गरीब परिवारों के युवाओं को विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक कुल 7,552 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है जबकि 3,807 अभ्यर्थी प्रशिक्षणाधीन हैं।