अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि अभी तक 60 जिलों से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सर्वे रिपोर्ट प्राप्त हुई है. इनमें से 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं। वह बुधवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक कर रहे थे।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शेष 15 जिलों का सर्वेक्षण निर्धारित अवधि में उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि सभी जिलों से सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक निर्णय लिया जाएगा. इस सर्वे का मकसद अल्पसंख्यक वर्ग को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना और उसे विकास की गति से जोड़ना है. उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारियों के माध्यम से शासन स्तर पर सर्वेक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है.
उन्होंने निर्धारित समय में सर्वेक्षण पूरा करने के लिए अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि सर्वेक्षण कार्य का परिणाम सकारात्मक रहे और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र अधिक से अधिक लाभान्वित हों. उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनके भविष्य को आकार देना हम सभी की जिम्मेदारी है।
बैठक में राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों का सर्वांगीण विकास हम सभी का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए. प्रभारी प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम, विशेष सचिव आनंद कुमार, निदेशक जे.रिभा, रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह और संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय उपस्थित थे.
इन जिलों से मिली रिपोर्ट
लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, रायबरेली, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, बस्ती, कासगंज, महोबा, औरैया, ललितपुर, चंदौली, शामली, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, चित्रकूट, मथुरा, मऊ, आगरा, फतेहपुर, कौशाम्बी, हमीरपुर, देवरिया, जौनपुर, सहारनपुर, कानपुर नगर, जालौन, उन्नाव, बांदा, शाहजहांपुर, झांसी, हरदोई, संभल, पीलीभीत, संत कबीरनगर, गाजियाबाद, इटावा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बलिया, बरेली, लखीमपुर, आजमगढ़, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महाराजगंज, बुलंदशहर, वाराणसी, कानपुर देहात, मेरठ, बदायूं और प्रयागराज।