Union Budget 2023 News: यह रकम साल 2009-14 के मुकाबले 27 गुना ज्यादा है. साल 2009-14 में यह महज 187 करोड़ रुपए थी। इस बजट से देहरादून और हरिद्वार को विश्वस्तरीय स्टेशनों के रूप में विकसित करने की योजना है।
आम बजट 2023 में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में रेल परियोजनाओं के लिए 5004 करोड़ रुपये की सौगात दी है। इससे सामरिक महत्व की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को गति मिलेगी, जबकि हरिद्वार और देहरादून रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। नौ अन्य स्टेशनों पर भी यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह राशि वर्ष 2009-14 की तुलना में 27 गुना अधिक है. साल 2009-14 में यह महज 187 करोड़ रुपए थी। इस बजट से देहरादून और हरिद्वार को विश्वस्तरीय स्टेशनों के रूप में विकसित करने की योजना है।
मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन ने बताया कि हरिद्वार और देहरादून स्टेशनों के ठीक ऊपर 45 से 117 मीटर चौड़ा रूप टॉप प्लाजा बनाया जाएगा. इसमें आराम और खाने की सुविधा होगी। इसका इस्तेमाल यात्रियों के साथ आम लोग भी कर सकेंगे।
उत्तराखंड में हिमाचल से तीन गुना ज्यादा रेल बजट है
आम बजट-2023 में उत्तराखंड को रेल परियोजनाओं के लिए पड़ोसी राज्यों से कई गुना ज्यादा फंड मिला है। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए 1538 करोड़ रुपये, पंजाब के लिए 4762 करोड़ रुपये, हरियाणा के लिए 2247 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है. मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन ने कहा कि उत्तराखंड का बजट बढ़ाने से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन समेत अन्य परियोजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी.
इन स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी
काशीपुर, लालकुआं, रामनगर, टनकपुर, किच्छा, काठगोदाम, हर्रावाला, रुड़की और कोटद्वार रेलवे स्टेशनों पर लिफ्ट के साथ स्वचालित सीढ़ियां भी लगाई जाएंगी। भवन का जीर्णोद्धार, प्लेटफार्म का विस्तार, आधुनिक शौचालय, यात्री विश्राम गृह, वाटर एटीएम बूथ आदि का निर्माण किया जाएगा।
750 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद की सुविधा देश के 750 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लागू की गई है। इसमें हरिद्वार और देहरादून स्टेशन शामिल हैं। यहां एनजीओ और संस्थाएं स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाती हैं।
उत्तराखंड में अभी भी वंदे भारत, वंदे मेट्रो ट्रेनों का इंतजार है
रेल मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेनों के लिए उत्तराखंड के लोगों को इंतजार करना होगा. मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन के मुताबिक, बजट में उत्तराखंड के लिए वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेनों का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन, जिस तरह से सरकार ने देश में 400 वंदे भारत ट्रेनों के संचालन का प्रावधान किया है, उससे उम्मीद की जा रही है कि एक ट्रेन उत्तराखंड के हिस्से में भी आ सकती है.
कोटद्वार में कम्प्यूटराइज्ड सिग्नल सिस्टम से ट्रेनों का संचालन होगा
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत कोटद्वार रेलवे स्टेशन से पुरानी सिग्नल प्रणाली के बजाय कंप्यूटर के माध्यम से ट्रेनों का संचालन किया जायेगा. इसके लिए रेलवे द्वारा निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।
रुड़की-देवबंद रेल परियोजना को भी गति मिलेगी
मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन ने कहा कि अब बहुप्रतीक्षित रुड़की-देवबंद रेल परियोजना के निर्माण कार्यों को भी गति मिलेगी. रुड़की रेलवे स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म के निर्माण के साथ ही नया फुट ओवर ब्रिज, स्वचालित सीढ़ी का निर्माण किया जाएगा। रुड़की ऐतिहासिक स्टेशनों में शामिल है। यह देश का पहला स्टेशन है, जहां साल 1852 में पहली बार मालगाड़ी चलाई गई थी।
105 करोड़ से बदल जाएगी हर्रावाला स्टेशन की तस्वीर
हर्रावाला रेलवे स्टेशन को 105 करोड़ की लागत से टर्मिनल रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां से 24 कोच वाली ट्रेनों के संचालन के लिए प्लेटफॉर्म का विस्तार कर नए प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। देहरादून से चलने वाली कई ट्रेनों का संचालन हर्रावाला से भी किया जाएगा। देहरादून से चुनिंदा ट्रेनें ही चलेंगी। हर्रावाला और हरिद्वार के बीच पड़ने वाले डोईवाला, रायवाला और कांसरो जैसे स्टेशनों के कायाकल्प पर भी 150 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
सामरिक महत्व की तीन परियोजनाएं अधर में
बागेश्वर-टनकपुर, कर्णप्रयाग-बद्रीनाथ, डोईवाला-गंगोत्री-यमुनोत्री जैसी रेल परियोजनाओं के लिए भी इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आपको बता दें कि धार्मिक, सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अहम इन रेल परियोजनाओं के लिए रेलवे सर्वे किया गया है. लेकिन, अभी तक मामला इससे आगे नहीं बढ़ा है।