टिहरी झील के किनारे पर्यटन के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार को बढ़ावा देने की योजना सफल नहीं हो पा रही है। कोटि कॉलोनी में लाखों की लागत से बनी फेब्रिकेटेड दुकानें शोपीस बन गई हैं। स्वरोजगार की तलाश में युवा कोटी कॉलोनी में झील के आसपास खुले में खाने के ठेले लगाने को विवश हैं। व्यापार मंडल ने पर्यटन विभाग की कार्यप्रणाली और सरकारी धन के कथित दुरूपयोग पर सवाल उठाए।
युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग ने 2022 में कोटी कॉलोनी में 16 लाख की लागत से 14 फेब्रिकेटेड दुकानें लगाई थी। दुकानों का आवंटन नहीं होने से ये शोपीस बनकर रह गए हैं। सरोवर के आसपास पक्की दुकान नहीं होने के कारण युवाओं ने खुली जगह पर फड़ व ठेले लगा लिए। पक्की दुकान नहीं होने के कारण उन्हें रोजाना शाम को ही सामान जमा करना पड़ता है।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष कुलदीप पंवार ने कहा कि लंबे समय से पर्यटन विभाग से दुकानें आवंटित करने की मांग की जा रही है, लेकिन अधिकारी जल्द प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेते हैं.
कोटी कॉलोनी में 14 फेब्रिकेटेड दुकानों का आवंटन शीघ्र ही टेंडर के माध्यम से शुरू किया जाएगा। आवंटन प्रक्रिया शुरू करने के लिए नियम बनाकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। -अतुल भंडारी, जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी