गुरुवार की शाम कुमाऊं से लौटे मुख्यमंत्री ने जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली. अब शुक्रवार को उन्होंने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई है.
जोशीमठ में भूस्खलन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. राज्य सचिवालय में होने वाली इस बैठक में जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और शहर के पुनरोद्धार की कार्ययोजना पर बड़े फैसले लिये जा सकते हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ ग्राउंड जीरो जाएंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा को विशेषज्ञ टीम गठित कर प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अध्ययन करने के निर्देश दिए थे. जोशीमठ में एक्सपर्ट टीम पहुंच चुकी है।
बता दें कि जोशीमठ में इमारतों, सड़कों और खेतों में दरारें आने और कहीं-कहीं पानी टपकने से इलाके के लोग दहशत में हैं. जिला प्रशासन के निर्देश पर सुरक्षित स्थानों पर लोगों का अस्थाई पुनर्वास कराया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार कुमाऊं से लौटे मुख्यमंत्री ने शाम को जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली. अब शुक्रवार को उन्होंने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई है. बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी, चमोली के डीएम, गढ़वाल आयुक्त, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, वित्त विभाग से जुड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे.
माना जा रहा है कि बैठक में जोशीमठ के आपदा प्रबंधन के रोडमैप पर चर्चा हो सकती है. निर्णय लेने के बाद मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ पहुंचेंगे और वहां भेजी गई विशेषज्ञ टीम, जिला प्रशासन और जोशीमठ बचाओ अभियान से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे और प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात करेंगे.
जोशीमठ में सात मंजिला इमारतें आ गई हैं, जो लगातार जर्जर हो रही हैं। चमोली डीएम ने अनियोजित निर्माण की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए पत्र भेजा है. फिलहाल सरकार यहां हर तरह के निर्माण पर अस्थाई रोक लगा सकती है।
जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन के कारणों पर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं. इस बीच चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने सरकार को एक पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि जोशीमठ में बड़े पैमाने पर अनियोजित निर्माण हो रहा है. यहां सात-सात मंजिला होटल बन चुके हैं। इससे यहां भूस्खलन हो रहा है।
सरकार ने इस पत्र को गंभीरता से लिया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने डीएम को पत्र भेजकर 15 जनवरी तक ऐसे निर्माण, भूस्खलन प्रभावित गांवों और पुनर्वास के लिए जमीन की रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की रणनीति बनाएगी.
45 परिवारों के पुनर्वास के लिए सरकार की मंजूरी
चमोली के डीएम ने जोशीमठ के 45 परिवारों के पुनर्वास की अनुमति मांगी थी. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि 45 आवासों के पुनर्वास की अनुमति जारी कर दी गयी है. बताया कि पहले जोशीमठ में 385 प्रभावित गांव थे. वर्तमान में करीब 200 गांवों के पुनर्वास का काम चल रहा है। अध्ययन के बाद तस्वीर और साफ होगी।
डीएम का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें सात मंजिला भवन जैसे अनियोजित निर्माण की जानकारी दी गई है. जोशीमठ चारधाम यात्रा मार्ग का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। फिलहाल निर्माण पर अस्थाई रोक लगाने जैसा फैसला लिया जा सकता है. बाकी की जांच के बाद तस्वीर साफ होगी।