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Kedarnath Yatra 2023: 35 कुंतल फूलों से सजा बाबा केदार का धाम, भक्तों का उत्साह चरम पर, कल खुलेंगे कपाट

Kedarnath Yatra 2023

Kedarnath Yatra 2023: 35 कुंतल फूलों से सजा बाबा केदार का धाम, भक्तों का उत्साह चरम पर, कल खुलेंगे कपाट

Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इसके लिए केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। उद्घाटन के साक्षी बनने के लिए आठ हजार से अधिक श्रद्धालु धाम पहुंचे हैं। इसके अलावा देर शाम तक श्रद्धालुओं द्वारा पैदल केदारनाथ पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।

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मंगलवार सुबह पांच बजे से कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ ही चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान बाबा केदार की पंचमुखी भोग प्रतिमा रावल निवास से मंदिर परिसर पहुंचेगी. यहां रावल भक्तों को आशीर्वाद देंगे। इसके बाद रावल व श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन द्वारा मंदिर के कपाट खोले जाएंगे.

Dehradun to Kedarnath Helicopter Service
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इसके बाद मुख्य पुजारी शिवलिंग गर्भगृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो जाएंगे। वहीं, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय व सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर को सजाया जा चुका है। इसके साथ ही यात्रा को लेकर अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।

सोमवार की सुबह आठ बजे बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली गौरीकुंड से धाम के लिए रवाना हुई। इससे पहले धाम के लिए नियुक्त पुजारी शिवलिंग ने बाबा केदार की विशेष पूजा अर्चना कर अभिषेक किया। भक्तों के जयकारों के साथ बाबा केदार की डोली दोपहर एक बजे चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली और रूद्र प्वाइंट होते हुए केदारनाथ पहुंची. जहां रावल भीमाशंकर लिंग ने डोली की अगवानी की और पुजारी को तिलक लगाया। इसके बाद रावल निवास में बाबा की डोली और चांदी की प्रभा (छड़ी) विराजित की गई।

सोमवार को सुबह सात बजे से सोनप्रयाग से श्रद्धालु केदारनाथ जाने लगे। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती गई जिससे गौरीकुंड, जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली से केदारनाथ धाम की यात्रा की शोभा बढ़ती गई। मौसम की मार के बीच पैदल पथ पर बाबा के जयकारे और भजन कीर्तन से श्रद्धालुओं का उल्लास चरम पर था।

दिल्ली से आए राकेश जौहर, मधु जौहर और गीता सोनी ने बताया कि वे 20 अप्रैल को ही ऊखीमठ पहुंचे थे और बाबा की डोली लेकर धाम जा रहे हैं. राकेश जौहर पिछले 38 साल से कपाट खुलने के मौके पर धाम पहुंच रहे हैं। वहीं, ओडिशा के दो युवा श्रद्धालु पीके शर्मा और देवाशीष ने बताया कि वे पहली बार बाबा के दर्शन करने आए हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों से श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं.

केदारनाथ में सोमवार दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक हल्की बर्फबारी हुई। इसके बाद भी जीएमवीएन व यात्रा से जुड़े अन्य विभागों के लोग यात्रा की व्यवस्था करते रहे। केदारनाथ सुबह से ही घने बादलों से ढका हुआ है और दोपहर 12 बजे से हिमपात शुरू हुआ जो करीब दो घंटे तक जारी रहा। डीएम मयूर दीक्षित व पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाने ने स्वयं यात्रा व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया.

डीएम ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. इधर, गौरीकुंड से केदारनाथ तक पूरे दिन बादल छाए रहे और दिन भर में कई बार रुक-रुक कर बारिश हुई।


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