Badrinath Yatra 2023: कपाट बंद होने पर भगवान बद्रीनाथ को घी में लिपटे कंबल से ढक दिया जाता है। शीतकाल के बाद जब कपाट खोले जाते हैं तो सबसे पहले घी में लिपटे इस कंबल को हटाया जाता है।
Chardham Yatra 2023: भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद धाम में एक ऐसा ‘चमत्कार’ हुआ है, जिसे तीर्थ पुरोहित देश के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं. बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार को वृष लग्न में सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर हिमपात और पुष्प वर्षा के बीच खोल दिए गए. चारों तरफ वैदिक मंत्रोच्चारण और जय बद्रीनाथ के जयकारे की आवाज सुनाई दे रही थी। लेकिन कपाट खुलने के बाद कुछ ऐसा हुआ जो किसी चमत्कार से कम नहीं है. कपाट खुलने के बाद देखा तो बदरीनाथ भगवान को ढके घी के कंबल पर ताजा घी मिला।
बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने कहा कि कंबल पर ताजा घी मिलने का मतलब है कि देश में खुशहाली आएगी. पिछले साल भी कंबल पर लगा घी ताजा था। इतनी बर्फ गिरने के बाद भी अगर बाहर ठंड होने के बाद भी घी नहीं सूखता है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, कपाट बंद होने पर भगवान बद्रीनाथ को घी में लिपटे कंबल से ढक दिया जाता है।
सबसे पहले घी में लपेटा हुआ कंबल हटाया जाता है
यह कंबल माणा गांव की महिलाओं द्वारा विशेष रूप से तैयार किया जाता है। लड़कियां और दुल्हनें इस कंबल को एक दिन में तैयार करती हैं। इस घी के कम्बल के तैयार होने के दिन कन्याएँ और स्त्रियाँ व्रत रखती हैं। भगवान बद्रीनाथ के ऊपर घृत कम्बल (घी में भिगोया हुआ ऊनी कंबल) लपेटा जाता है।
माणा गांव की महिलाएं और कन्याएं तैयार करती हैं घृतकंबल
घृतकंबल कंबल को विशेष रूप से माणा गांव की महिलाओं द्वारा तैयार किया जाता है। सबसे खास बात ये है कि इस कंबल को कन्याएं और सुहागिन महिलाएं एक ही दिन में तैयार करतीं हैं। जिस दिन ये कंबल तैयार किया जाता है उस दिन माणा गांव की कन्याएं और महिलाएं उपवास रखती हैं।